एक करोड़ रुपये मिलें तो मेडिकल कॉलेज में हो जलनिकासी का मुकम्मल इंतजाम
Kushinagar News - कुशीनगर के स्वशासी राजकीय मेडिकल कॉलेज में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो रही है, जिससे गर्भवती और प्रसूता महिलाओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल प्रशासन ने शासन को एक करोड़ रुपये का...
कुशीनगर। जनपद मुख्यालय पर संचालित स्वशासी राजकीय मेडिकल कॉलेज के एमसीएच व पुराने भवनों के परिसर में अचानक जलभराव की समस्या उत्पन्न हो जा रही है, जिससे यहां आने वाले मरीजों को अनेंक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे अधिक परेशानी गर्भवती एवं प्रसूता महिलाओं को हो रही है। क्योंकि परिसर में जलभराव और दुर्गंध के कारण अस्पताल में आना मुश्किल हो जा रहा है। मेडिकल कॉलेज का निर्माण करा रही कार्यदायी संस्था ने नए भवनों के लिए तो ड्रेनेज सिस्टम बनाया है, लेकिन पुराने भवनों में व्यवस्था जस की तस है। इस समस्या से निजात पाने में लगभग एक करोड़ रुपये का खर्च पड़ रहा है, जिसके लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने शासन को पत्र भेजकर अवगत कराया है।
जनपद मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज बनने से पहले जिला अस्पताल के बगल में करीब पौने दो करोड़ रुपये की लागत से पांच मंजीला एमसीएच (मैटर्निटी एंड चाइल्ड हेल्थ) विंग का निर्माण कराया गया था, लेकिन कार्यदायी संस्था ने इसमें ड्रेनेज सिस्टम नहीं बनाया। पुराने भवन में भी इसकी व्यवस्था नहीं की गई। इस वजह से बरसात के दिनों में ज्यादा बारिश हो जाने पर परिसर जलमग्न तो हो ही जाता है, सामान्य दिनों में भी कभी-कभी परिसर में पानी भर जाता है। अभी बीते 29 जनवरी को ही अस्पताल परिसर में पानी भर जाने के कारण मरीजों से लगायत चिकित्साकर्मियों की परेशानी बढ़ गई थी। गंदे पानी के रास्ते ही उन्हें आना-जाना पड़ रहा था। अस्पताल प्रशासन ने नगरपालिका से टैंकर मंगाकर पानी निकलवाया था।
करीब 320 करोड़ की लागत से जिले में स्वशासी राजकीय मेडिकल कॉलेज का निर्माण करा रही कार्यदायी संस्था ने नए भवनों में तो ड्रेनेज सिस्टम बनाया है, लेकिन पुराने भवन जस के तस हैं। मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने जलभराव की समस्या से निजात पाने के लिए शासन को एक करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा है। इतना बजट मिले तो मेडिकल कॉलेज की जलभराव की समस्या खत्म हो पाएगी। इसमें 27.08 लाख रुपये सिर्फ मशीनों पर खर्च आ रहा है।
स्वशासी राजकीय मेडिकल कॉलेज में जलभराव की समस्या के समाधान के लिए शासन व डीजीएमई को एक करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। इसमें 27.08 लाख रुपये सिर्फ मशीनों पर खर्च होने का अनुमान है। जलभराव की समस्या के समाधान का पूरा प्रयास किया जा रहा है। हमने इस समस्या से अपने सभी उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया है।
डॉ. आरके शाही, प्राचार्य, स्वशासी राजकीय मेडिकल कॉलेज
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