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कर्मचारियों का हर महीने कट रहा ईपीएफ, जमा हो रहा मेडिकल कॉलेज के खाते में

Kushinagar News - पडरौना, निज संवाददाता। इसे लापरवाही समझें या कुछ और, लेकिन यह सच है। कुशीनगर जिले के मेडिकल कॉलेज के 46 नियमित कर्मचारियों के एनपीएस अर्थात नई पे

Newswrap हिन्दुस्तान, कुशीनगरSun, 15 Sep 2024 01:53 AM
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पडरौना, निज संवाददाता।

इसे लापरवाही समझें या कुछ और, लेकिन यह सच है। कुशीनगर जिले के मेडिकल कॉलेज के 46 नियमित कर्मचारियों के एनपीएस अर्थात नई पेंशन नीति के तहत जमा की जाने वाली ईपीएफ की धनराशि यहां जमा नहीं की जा रही है। इसे ईपीएफ खाते में जमा करने की बजाए मेडिकल कॉलेज के बचत खाते में रखा जा रहा है। यह कार्य अप्रैल, 2023 से ही चल रहा है। प्रत्येक कर्मचारी के वेतन से प्रतिमाह 10 प्रतिशत की होने वाली इस कटौती के एवज में मिलने वाले लाभ का कोई भविष्य न दिखने के कारण कर्मचारी चिंतित हैं। क्योंकि यही मेडिकल कॉलेज के बचत खाते में एकत्र होने पर एक मोटी रकम हो जाती है।

कुशीनगर के संयुक्त जिला चिकित्सालय का अप्रैल, 2023 में ही मेडिकल कॉलेज में विलय हो गया था। तब से यहां की व्यवस्थाएं मेडिकल कॉलेज के अनुरूप संचालित की जा रही हैं। यहां कार्यरत नियमित कर्मचारियों का एनपीएस अर्थात नई पेंशन स्कीम के तहत ईपीएफ में जमा की जाने वाली धनराशि जिला अस्पताल के विलय के बाद से ही उनके ईपीएफ खाते में नहीं भेजी जा रही है। कर्मचारियों की मानें तो अप्रैल, 2023 से ही उनके वेतन से हर महीने 10 प्रतिशत की कटौती एनपीएस के नाम पर की जा रही है, लेकिन उसे भविष्य निधि में जमा नहीं किया जा रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि इससे उनका आर्थिक नुकसान हो रहा है।

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बचत खाते में एकत्र कर रहा मेडिकल कॉलेज प्रशासन-

न्यू पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारियों के भविष्यनिधि में 10 प्रतिशत अंश कर्मचारियों के वेतन से जमा किया जाता है तथा 14 प्रतिशत सरकार अथवा विभाग को जमा करना होता है। इस तरह कुल 24 प्रतिशत कर्मचारियों के भविष्यनिधि में जमा करने का प्रावधान है। अप्रैल, 2023 से ही मेडिकल कॉलेज के 46 कर्मचारियों के खाते से 10 प्रतिशत अंक की कटौती तो की जाती है, लेकिन उसे ईपीएफ खाते में जमा नहीं किया जाता है, बल्कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन अपने बचत खाते में जमा कर रहा है।

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भविष्यनिधि में रकम न जमा करने की यह है मूल वजह-

यह पटल देखने वाले कर्मचारी का कहना है कि मेडिकल कॉलेज में एक ऑटोनॉमस संस्था है। इसके लिए एसबीजी नंबर के साथ कर्मचारियों का डीटीओ और डीडीओ पंजीकरण होना आवश्यक है। इसके लिए प्रारूप कोषागार कार्यालय से मंगा लिया गया है। जल्द भरकर सभी कर्मचारियों के एनपीएस की धनराशि उनके ईपीएफ खाते में भेज दी जाएगी। फिलहाल, यह धनराशि मेडिकल कॉलेज के खाते में है।

----क्या बोले जिम्मेदार/कोट----

इन नियमित कर्मचारियों के एनपीएस की धनराशि उनके ईपीएफ खाते में भेजने की प्रक्रिया जारी है। इसका प्रारुप उपलब्ध न होने की वजह से देर हुई है। अब इसमें कोई विलंब नहीं होगा।

डॉ. आरके शाही, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज, कुशीनगर

-----कोट------

कर्मचारियों के ईपीएफ खाते में एनपीएस की धनराशि जमा न होने की जानकारी नहीं थी। आज अवकाश है। इसे दिखवा लेते हैं। मंगलवार को इस बारे में जानकारी दे पाएंगे।

सुनील कुमार यादव, वरिष्ठ कोषाधिकारी/वित्त नियंत्रक, मेडिकल कॉलेज, कुशीनगर

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