प्राइवेट खाद के भरोसे जिले की समितियों को चलाने की कवायद
कुशीनगर में किसानों को खाद की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। डीएम के निर्देश पर प्राइवेट कंपनियों से 30 प्रतिशत खाद समितियों को सप्लाई की जाएगी। 59 समितियों पर खाद पहुंचने की उम्मीद है, लेकिन...
कुशीनगर। जिले की समितियों को प्राइवेट खाद के भरोसे चलाने की कवायद शुरू हुई है। डीएम के निर्देश पर प्राइवेट कंपनियों के खाद का 30 फीसदी हिस्सा समितियों को सप्लाई होगी। इसके चलते गुरूवार तक 59 समितियों पर खाद पहुंच जायेगी। पहले से 29 समितियों पर खाद मौजूद है। रवी का सीजन शुरू होते ही जिले के अधिकांश बी पैक्स समितियों से खाद गायब होने किसान हलकान है। वह भी नाकाफी साबित हो रहा है। इससे परेशान किसान खाद के लिए प्राइवेट दुकानों का चक्कर लगा रहे हैं। वहीं विभाग का दावा है कि समितियों पर खाद का स्टॉक किया गया है, लेकिन इसके विपरीत खाद गायब होने से किसानों में इसे लेकर आक्रोश व्याप्त है। कुशीनगर में कुल 145 बी पैक्स समितियों में 141 सक्रिय समितियां हैं। इन समतियों में 91 समितियों को पिछले 16 अक्तूबर को प्रथम राउंड में 571 मीट्रिक टन डीएपी, 381 मीट्रिक टन एनपीके व 108 गत्ते नैनो डीएपी जो एक गत्ते में 24 शीशी आधा-आधा लीटर छह सौ लीटर की भेजी गयी थी। पिछले तीन नवंबर को 50 समितियों में प्रीप्रोजिसनिंग 500 मीट्रिक टन डीएपी खाद भेजा गया, जो समितियों के माध्यम से खाद का वितरण हो चुका है। 19 नवंबर को 300 एमटी प्राइवेट खाद एनएफएल डीएपी खाद को कुल 42 समितियों को भेजा गया है। डीएम विशाल भारद्वाज की सख्ती के चलते प्राइवेट कंपनियों के खाद का 30 फीसदी हिस्सा समितियों को मिलना शुरू हुआ है। गुरूवार तक समितियों को पहुंच जायेगी। जिले के 29 समितियों को 273 मीट्रिक टन आईपीएल की खाद, 19 समितियों को प्रीपोजिसनिंग से 190 मीट्रिक टन तथा 11 समितियों को यूएचआरएल की 119 मीट्रिक टन डीएपी प्राप्त होगी। इसके अलावा पहले से 27 समितियों में खाद उपलब्ध है। इसके बावजूद यह खाद किसानों के लिए ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है। वहीं विभाग का दावा है कि खाद का स्टॉक समितियों में 800 यूरिया, 225 डीएपी, 155 मीट्रिक टन एनपीकेएस उपलब्ध है। वहीं रिजर्व में डीएपी 500, एनपीके 00 व यूरिया 4602 यूरिया व 1050 मीट्रिक टन सामान्य यूरिया मौजूद है। विभागीय दावा के उलट समितियों से खाद गायब होने से किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पडरौना समेत विशुनपुरा ब्लॉक के बी पैक्स समितियों से खाद गायब होने के कारण किसानों को रवी के पीक सीजन में खाद व बीज को प्राइवेट दुकानों से खरीदारी कर फसलों की बुआई करनी पड़ रही है। इसे लेकर किसानों में विभाग के प्रति गहरा आक्रोश है।
गोदाम पर खाद न होने से किसान हलकान
सोहसा मठिया। रवी के बुआई के लिए महत्वपूर्ण समय चल रहा है और क्षेत्र के गोदामों पर डीएपी खाद उपलब्ध नहीं है। किसान डीएपी खाद लेने के लिए भाग दौड़ कर रहे हैं और मजबूरन निजी दुकान से खाद व बीज की खरीदारी कर सरसों, गेहूं, मटर, गन्ना, मसूर आदि फसलों की बुआई कर रहे हैं। क्षेत्र के सहकारी समिति कुरमौटा, नैकाछपरा आदि समिति परडीएपी खाद उपलब्ध नहीं है। यहां से कुरमौटा मंझरिया, नरकटिया, परसौना बुजुर्ग, रामनगर, बैदौली महुआडीह, महुआडीह लौंगरापुर, भरवलिया, पिपरी, नैकाछपरा, मदरहा सहित दर्जनों गांवों के किसान खाद के लिए समिति पर पहुंच कर वापस लौट रहे हैं। इस संबंध में एडीओ सहकारिता हाटा राजेश कुमार यादव ने बताया कि खाद का आवंटन हो गया है। गुरुवार या शुक्रवार को खाद पहुंच जाएगी।
कहीं पर खाद तो कहीं से निराश लौट रहे किसान
समउर बाजार।विकास खण्ड तमकुहीराज के बी पैक्स समिति राज मथौली, पुरैना कटेया व मन्गुरी पट्टी से क्षेत्र के किसानों को खाद उपलब्ध कराई जाती है, जिससे किसान अपनी खेती समय से करते हैं। बी पैक्स समिति राज मथौली के सचिव पप्पू सिंह ने बताया कि समिति पर कभी भी खाद की किल्लत नहीं होती है। समिति पर तीन टन डीएपी व पांच टन यूरिया खाद मौजूद है। बताया कि बी पैक्स समिति पुरैना कटेया पर दो दिन पहले खाद समाप्त हुई थी, लेकिन कल सुबह तक दस टन डीएपी खाद आने की उम्मीद है। मन्गुरी पट्टी समिति के सचिव राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि समिति पर दो दिन पूर्व डीएपी खाद समाप्त हुई है। रैक लगते ही खाद आ जायेगी,जबकि बर्तमान समय मे 394 बोरी यूरिया,140 बोरी पोटाश के अलावा नैनो यूरिया व नैनो डीएपी मौजूद है।
भरपूर मात्रा में खाद न होने से किसान हलकान
खड्डा। खड्डा तहसील क्षेत्र के सहकारी समितियों पर भरपूर मात्रा में खाद उपलब्ध नहीं है। भैंसहा समिति पर अब भी ताला लगा हुआ है। इससे किसानों को बाजार की दुकानों से कुछ अधिक दाम में खाद खरीदना पड़ रहा है। खड्डा क्षेत्र में सिसवागोपाल, गेठियहवा, भुजौली, मठिया, छितौनी, भुजौली, पड़रही, रामपुर बांगर, खड्डा कला व भैंसहा सहित 10 सरकारी समिति हैं। इस पर भरपूर मात्रा में डीएपी, यूरिया आदि खाद उपलब्ध नहीं है, हालांकि भैंसहा को छोड़ सभी समितियां चल रही हैं। भैंसहा समिति लगभग दो साल से बन्द है। किसान दिग्विजय पाण्डेय, अवनीन्द्र गुप्ता, अतुल तिवारी, अनुराग तिवारी, बाबर अली, मुरारी गुप्ता, रविन्द्र गुप्ता, रमाशंकर सिंह आदि किसानों का कहना है कि समितियों पर भरपूर मात्रा में सभी खाद उपलब्ध नहीं है। इससे खेती करने में काफी दिक्कत हो रही है।
बोले अफसर
डीएम के प्रयास से जिले को खाद मिली है। प्राइवेट खाद को जिले की अधिकांश समितियों को मुहैया कराया गया है। जिले को मिले 300 मीट्रिक टन एनएफएल डीएपी खाद के अलावा आईपीएल व यूएचआरएल खाद को समितियों को भेजी जा रही है। किसानों को खाद के लिए घबराने की जरूरत नहीं है। डिमांड भेजी गई है। रिमाइंडर भी लगातार भेजा जा रहा है। शीघ्र ही खाद की बड़ी खेप जिले को मिलने वाली है।
- नीरज गोंड, सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता
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