हाईकोर्ट से धर्मस्थल निर्माण का नक्शा नकलवाएगा प्रशासन
Kushinagar News - हाटा, हिन्दुस्तान संवाद। नगरपालिका क्षेत्र के वार्ड नंबर-21 में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर
हाटा, हिन्दुस्तान संवाद। नगरपालिका क्षेत्र के वार्ड नंबर-21 में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर मदनी मस्जिद बनाए जाने की शिकायत पर की जांच चौथे दिन भी जा रही है। हालांकि शनिवार को पूरे दिन की कवायाद के बाद भी प्रशासन किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सका। शनिवार को एडीएम ने हाटा नपा में धर्मस्थल निर्माण की पत्रावलियों के साथ नपा के जिम्मेदारों को बुलाया था। जिले में नक्शा नहीं है, यह स्पष्ट हो जाने के बाद प्रशासन ने तय किया है निर्माण के लिए जो नक्शा दाखिल किया गया था, उसकी प्रमाणित प्रति जिला प्रशासन हाईकोर्ट से निकलवाएगा। यह कदम जांच के निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए बेहद जरूरी है।
बीते बुधवार को हिन्दूवादी व भाजपा नेता रामबचन सिंह ने सीएम पोर्टल पर शिकायत की थी कि हाटा में एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद का निर्माण सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर किया गया है। शिकायत पर हरकत में आए जिला प्रशासन ने एडीएम व एएसपी की मौजूदगी में फोर्स लगाकर राजस्व विभाग ने पूरी जमीन की पैमाइश की। इसके बाद पत्रावलियां खंगालने का क्रम शुरू हुआ और चार दिन से यह क्रम जारी है।
इस बीच पता चला कि नक्शे की फाइल ही हाटा नगर पालिका से गायब है। शिकायतकर्ता रामबचन सिंह ने खुलकर आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने नपा के जिम्मेदारों की मिलीभगत से नक्शे की पूरी फाइल ही गायब करा दी है। उनकी मंशा थी कि भविष्य में सवाल उठने पर इसका बहाना बनाया जाएगा। अब यही हो रहा है।
शनिवार को एडीएम ने नगर पालिका हाटा के जिम्मेदारों को मस्जिद निर्माण की अनुमति से संबंधित समस्त पत्रावलियों के साथ अपने कार्यालय में तलब किया था। एडीएम कार्यालय में पत्रालियों की जांच की गयी। यह स्पष्ट हो गया कि नक्शे की फाइल नहीं है मगर हाईकोर्ट में इससे सबंधित पत्रावलियां जमा है। इसके बाद निर्णय लिया गया कि हाईकोर्ट से नक्शे से संबंधित पत्रावलियों की प्रमाणित प्रति निकलवायी जाएगी। तभी इस मामले में किसी नतीजे तक पहुंचा जा सकेगा।
तत्कालीन नगर पंचायत के एक पूर्व अध्यक्ष की बात मानें तो मस्जिद का नक्शा उनके पद पर आसीन से पहले साल 1999 में पास हुआ था। जिसे मेरे द्वारा साल 2000 में आने के बाद निरस्त कर दिया गया। मस्जिद पक्ष के लोगों का कहना है कि 12 अप्रैल 2006 को हाईकोर्ट ने मस्जिद पक्ष में स्टे दे दिया था। मस्जिद पक्ष ने प्रशासन के आदेश पर पहले ही दोनों तरफ का कटरैन शेड हटा लिया है। मौके पर स्थिति सामान्य है।
उधर शिकायतकर्ता रामबचन सिंह ने शनिवार को सवाल उठाया है कि जिला प्रशासन से लेकर तहसील प्रशासन चुप क्यों हैं। उन्होंने कहा कि अगर तहसील व नपा प्रशासन के पास कोई ठोस अभिलेख नहीं है तो मस्जिद के पक्षकार कैसे अपनी पत्रावली दिखा रहे हैं। उनका आरोप है कि जिस मदनी मस्जिद की बात हो रही है, उसके नाम से कोई जमीन नहीं है। उन्होंने दावा किया बल्कि उस जमीन पर मां-बेटे सहित दो लोगों का नाम दर्ज है। उनकी मांग है कि जिला प्रशासन को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि वह सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के खिलाफ हैं या नहीं।
इस संबंध में हाटा नपा के लोगों का कहना है जो पत्रावलियां मांगी गयी थी, वह उपलब्ध करा दी गयी है। इस संबंध में एडीएम वित्त एवं राजस्व वैभव मिश्र ने बताया कि पत्रावलियां देखी गयी हैं। नक्शे के बारे में बताया गया कि हाईकोर्ट में जमा है। नक्शे की प्रमाणित प्रति हाईकोर्ट से निकलवायी जाएगी। उसके परीक्षण के बाद ही इस मामले में कोई निर्णय लिया जाएगा।
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