आयोजनों से ही लोक कलाओं का संरक्षण व संवर्धन होगा
Kushinagar News - कसया, हिन्दुस्तान संवाद। राजकीय बौद्ध संग्रहालय के अज्ञेय सभागार में दुलारी सेवा

कसया, हिन्दुस्तान संवाद।
राजकीय बौद्ध संग्रहालय के अज्ञेय सभागार में दुलारी सेवा संस्थान की तरफ से रविवार को दो दिवसीय कार्यक्रम की शुरूआत फरूवाही लोक नृत्य उत्सव के साथ हुई। आगंतुकों ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन व पुष्पार्चन किया। इसमें फरुवाही लोक नृत्य के कलाकारों ने नृत्य पेश किए।
मुख्य अतिथि एसडीएम पारितोष मिश्र ने कहा कि ऐसे आयोजनों से लोक कलाओं काा संरक्षण और उन्हें बढ़ावा मिलेगा। इसमें सबकी सहभागिता होनाी चाहिए। मुख्य वक्ता डॉ. सीमा त्रिपाठी ने कहा फरुवाही नृत्य लोक कला की सबसे सशक्त विधा है। इसे सरकार की तरफ संरक्षण करने की यह पहल सराहनीय है। इससे लोक कलाकारों में उत्साह का संचार होगा। कहा कि कलाकारों का विकास होगा। पूर्वांचल में लोक कलाओं की लंबी फेहरिस्त है, लेकिन उपेक्षित हैं। आज लोक कलाओं के संरक्षण और संवर्धन की आवश्यकता है। प्राचार्य डॉ. रविशंकर प्रताप राव ने कहा कि ग्रामीण सभ्यता की उपज लोक कलाएं जनमानस में घुली-मिली थीं, लेकिन उपेक्षा के कारण इन कलाओं का विलुप्त होने से बचाना चाहिए। हम विदेशी सभ्यता संस्कृति का अनुकरण अपने विरासत के मूल्यों को तिलांजलि देकर अपना रहे, जो हमारी संस्कृति सभ्यता के लिए घातक है। उत्तर प्रदेश ललित कला अकादमी के सदस्य संजीव श्रीवास्तव ने कहा कि फरुवाही नृत्य कला संरक्षण करने के लिए कलाकारों को सरकार की तरफ से कुछ मानदेय देने की जरूरत है। पूर्व प्रवक्ता सुरेश गुप्ता ने फरवाही लोक नृत्य हम सभी चाहे तो विलुप्त नहीं हो सकती है। इसके संरक्षण के लिए पहल करने आवश्यकता है। इसके पूर्व अतिथियों का स्वागत संस्था अध्यक्ष अशोक कुमार जैन ने किया। फरुवाही नृत्य राजेश यादव की टीम के आठ कलाकारों ने विविध करतब दिखाकर लोगों को आह्लादित किया।
अध्यक्षता प्रद्युम्न मिश्र व संचालन राजू मद्धेशिया ने किया। इस मौके पर सचिव अमित मिश्रा, मंत्री पवन गुप्ता, रमेश मद्धेशिया, धनंजय राव, पूनम पांडेय, वृंदा प्रजापति, विशाल शर्मा, नंदलाल गुप्ता, अरुण कुमार चौबे, रामप्रताप चौरसिया, विनय मिश्रा, मिथिलेश शुक्ला ,मारकंडेय तिवारी, राधा कृष्ण शर्मा, ओमप्रकाश तिवारी आदि मौजूद थे।
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