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धर्मस्थल के निर्माण पर उठे सवाल, सीएम से शिकायत पर जांच शुरू

Kushinagar News - हाटा में सरकारी जमीन पर मस्जिद के निर्माण को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। मुख्यमंत्री को शिकायत के बाद प्रशासन ने जांच शुरू की। प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में जमीन की पैमाइश हुई और कुछ अस्थायी...

Newswrap हिन्दुस्तान, कुशीनगरThu, 19 Dec 2024 01:55 AM
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हाटा (कुशीनगर), हिन्दुस्तान संवाद। सीधे मुख्यमंत्री से शिकायत के बाद नगरपालिका हाटा के एक वार्ड में कोतवाली हाटा के बिल्कुल करीब कराया जा रहा धार्मिक स्थल का निर्माण सवालों के घेरे में आ गया है। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में दिन भर राजस्व टीम बुधवार को जमीन की पैमाइश में जुटी रही। इस दौरान किनारे रखे गए कटरैन व बांस-बल्लियां हटवा दी गयीं। देर शाम तक डीएम व एसपी के साथ तहसील के अधिकारी बंद कमरे में मीटिंग कर निष्कर्ष निकालने में जुटे रहे।

हिन्दूवादी व भाजपा नेता रामबचन सिंह ने 17 दिसंबर को मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की थी कि हाटा नगर में सरकारी जमीन पर एशिया की सबसे बड़ी मदनी मस्जिद बनाई जा रही है। रात तक यह जानकारी कुशीनगर के अधिकारियों तक पहुंची तो मंगलवार की देर रात ही डीएम विशाल भारद्वाज व एसपी संतोष कुमार मिश्र दल बल के साथ मौका देखने पहुंच गए।

बुधवार को पैमाइश कराने का निर्णय लिया गया। नगरपालिका के वार्ड नंबर 21 में इस मस्जिद का निर्माण हुआ है। यह चार मंजिला भवन है, जिसे मदनी मस्जिद नाम दिया गया है। इसे कुछ लोग एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद करार दे रहे हैं। दक्षिण गाटा संख्या 201 सरकारी भूमि के तौर पर दर्ज है, जबकि पूरब गाटा संख्या 203 कोतवाली हाटा की जमीन के तौर पर दर्ज है।

गाटा संख्या 201 और मस्जिद के बीच जो जमीन है, उसे भी 201 का भाग बताया जा रहा है। इसी में अवैध रूप से किनारे कटरैन का निर्माण हुआ था। पैमाइश शुरू होते ही कटरैन का अस्थाई व बांस बल्ली को निर्माण करने वाले पक्ष ने खुद आगे बढ़ कर से हटवा दिया।

देर शाम तक पूरी जमीन की पैमाइश हुई। मस्जिद का निर्माण करा रहे पक्ष व उनके अधिवक्ताओं ने मौके पर पहुंच कर प्रशासनिक अधिकारियों को कागजात दिखाए। बताया कि मस्जिद के नाम से यहां कुल 32 डिस्मिल जमीन दर्ज है। उसमें से वह लोग केवल 30 डिस्मिल जमीन पर निर्माण करा रहे हैं। शेष भूमि खाली है। गाटा संख्या 201 व 203 पर हाईकोर्ट का स्टे है। कोई अतिक्रमण नहीं हुआ है।

डीएम विशाल भारद्वाज ने बताया कि मस्जिद निर्माण सरकारी जमीन पर करने की शिकायत थी। इसकी जांच तत्काल शुरू हो गई है। मामला ऐसा है कि रिकॉर्ड काफी पुराने तक चेक करने पड़ रहे हैं, इसलिए वक्त लग रहा है। चकबंदी के भी रिकॉर्ड चेक किए जा रहे है। दो दिन का वक्त और लग सकता है। सच्चाई जल्द सामने आ जाएगी। उसी अनुसार कार्रवाई होगी।

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