पुरातन छात्र सम्मेलन में वर्षों पुराने मित्र आपस में मिले
कुशीनगर में श्रीनाथ संस्कृत महाविद्यालय के शताब्दी वर्ष समारोह के नवम मासिक क्रम में पुरातन छात्र सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में पूर्व छात्रों ने अपनी उपलब्धियाँ साझा कीं और शैक्षिक व्यवस्था...
कुशीनगर। श्रीनाथ संस्कृत महाविद्यालय के शताब्दी वर्ष समारोह के नवम मासिक क्रम के तहत रविवार को पुरातन छात्र सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें वर्षों बाद मिले शास्त्रों के आचार्यों ने अपने मित्रों को गले लगाया और पुरानी यादों को स्मरण का ताजा किया। पुरातन छात्र सम्मेलन की अध्यक्षता सेवानिवृत्त शिक्षक एवं पूर्व छात्र आचार्य रामानाथ तिवारी ने किया। मुख्य अतिथि आचार्य नारायण तिवारी ने पुरातन छात्रों ने अपना परिचय दिया और अपने उपलब्धि को साझा किया। उन्होंने पहले की शैक्षिक व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ देखकर खुशी जताई। डा. प्रेमसागर मिश्र प्रवक्ता बिहार, आचार्य रामशंकर दास शास्त्री, विवेकानंद उपाध्याय, लालबहादुर मिश्र, आचार्य मार्कंडेय पाण्डेय, राधेश्याम मिश्र आदि ने महाविद्यालय की शैक्षिक व्यवस्था और अन्य विकास को देखकर प्रबंध समिति एवं आचार्यगण के निष्ठा व कर्म को सराहा। पुराने छात्रों ने कहा कि संस्कृत महाविद्यालय में पुरातन छात्र सम्मेलन एक अच्छी शुरुआत है। इससे एक दूसरे से हर साल मिलते रहेंगे और अपने सुझाव व सहयोग भी देते रहेंगे। यहां के विद्यार्थी देश के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सेवाएं दे रहे हैं। संस्कृत को पढ़ा हुआ परम्परागत आचार्य कभी बेरोजगार नहीं हो सकता है। इसलिए संस्कृत को निष्ठा पूर्वक पढ़ें। महाविद्यालय के मंत्री महामहोपाध्याय आचार्य गंगेश्वर पाण्डेय ने महाविद्यालय द्वारा किए जा रहे शिक्षक विकास एवं व्यवस्था को बताते हुए दिसंबर महीने में छह तारीख को होने वाले शताब्दी वर्ष समारोह स्थापना दिवस में शामिल होने के लिए पुराने छात्रों से अपील किया। संचालन मोहन पाण्डेय भ्रमर ने किया। इस दौरान संजय पाण्डेय, डॉ. राजेश कुमार चतुर्वेदी, डॉ. संदीप कुमार पाण्डेय, डॉ. वशिष्ठ द्विवेदी, सतीश चन्द्र शुक्ल, रामानुज द्विवेदी आदि आचार्य उपस्थित रहे।
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