केजीएमयू ने घातक रेबीज से बचाई युवती की जान, अपनी तरह का पहला मामला
- केजीएमयू के डॉक्टरों ने घातक रेबीज से संक्रमित युवती की जान बचाने में कामयाबी हासिल की है। इलाज के बाद युवती ठीक है। केजीएमयू में यह पहला मामला है जब किसी रेबीज संक्रमित मरीज की जान बचाई जा सकी। इसकी रिपोर्ट ICMR को भेजी गई है।
KGMU saves girl s life from deadly rabies: केजीएमयू के डॉक्टरों ने घातक रेबीज से संक्रमित युवती की जान बचाने में कामयाबी हासिल की है। इलाज के बाद युवती ठीक है। केजीएमयू में यह पहला मामला है जब किसी रैबीज संक्रमित मरीज की जान बचाई जा सकी। इसकी रिपोर्ट इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) को भेजी गई है। एक साल पहले सीतापुर निवासी 25 वर्षीय युवती को कुत्ते ने काट लिया था। उसने तय समय पर सभी वैक्सीन लगवाई, फिर भी वह रेबीज की जद में आ गई।
परिवारीजन युवती को लेकर केजीएमयू पहुंचे। यहां रेबीज यूनिट के प्रभारी व मेडिसिन विभाग के डॉ. डी हिमांशु ने जांच के आधार पर रेबीज की आशंका जाहिर की। युवती को आईसीयू में भर्ती किया। वेंटिलेटर पर भी रखना पड़ा। डॉ. हिमांशु ने बताया कि एमआरआई में दिमाग को सूचना देने वाले न्यूरॉन्स सिमटते दिखे। न्यूरो से संबंधी दवाएं भी देनी शुरू की। अब मरीज ठीक है।
लखनऊ में रोज 250 लोगों को काट रहे कुत्ते,बंदर
राजधानी में कुत्तों, बंदरों का आंतक हैं। प्रतिदिन 250 नए मरीज वैक्सीन लगवाने अस्पताल आ रहे हैं। बलरामपुर व ठाकुरगंज संयुक्त चिकित्सालय में सबसे ज्यादा 200 से 250 मरीज आ रहे हैं। इसमें नए मरीजों की संख्या 100 से अधिक रहती है। ठाकुरगंज, चौक, बालागंज, चौपटिया, नक्खास, मौलवीगंज, सआदतगंज, ऐशबाग, कैसरबाग, रकाबगंज, मौज्जमनगर, बिलौचपुरा से लोग आ रहे हैं। अन्य इलाकों में भी कुत्तों का आतंक है।
बलरामपुर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी ने बताया कि रेबीज मरीजों की संख्या में कमी नहीं आ रही है। फिलहाल सभी जरूरतमंद मरीजों को वैक्सीन लगाई जा रही है। लोकबंधु अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि वैक्सीन की चार डोज लगनी जरूरी है।