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तपोस्थली में पर्यटन विकास की कवायद तेज

Kausambi News - बौद्ध सर्किट में पर्यटन विकास की पहल तेज हो गई है। 15 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा ताकि पर्यटकों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। कौशाम्बी को बौद्ध सर्किट में शामिल किया गया है और विकास कार्य...

Newswrap हिन्दुस्तान, कौशाम्बीSat, 18 Jan 2025 05:01 PM
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बौद्ध सर्किट में शामिल तपोस्थली में पर्यटन विकास की पहल तेज हो गई है। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं के लिए तपोस्थली में 15 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। पर्यटकों के लिए यहां खास इंतजाम किए जाएंगे। सरकारी भूमि न मिलने पर काश्तकारों से भूमि खरीदी जाएगी। बौद्ध सर्किट में कौशाम्बी के शामिल होने के बाद से विकास कार्य तेज हो चुके हैं। पहले फेज में एयरपोर्ट से कौशाम्बी तपोस्थली तक फोरलेन का काम शुरू है। यमुना में गढ़वा-पाली के सामने राज्य सेतु निगम पुल बना रहा है। हालांकि अभी भी काम ठप है। इसके अलावा गेस्ट हाउस व पर्यटकों के लिए वह शौचालय आदि का निर्माण हो चुका है। बौद्ध थीम पार्क का भी निर्माण कार्य चल रहा है। अब जिला प्रशासन से पर्यटन विभाग के महानिदेशक मुकेश कुमार मेश्राम ने संस्कृति विभाग के म्यूजियम के समीप पर्यटन विकास के लिए 15 एकड़ भूमि मांगी है। सरकारी व अन्य विभागों की रिक्त जमीन होगी तो उसको पर्यटन विकास के लिए लिया जाएगा। यदि जमीन नहीं मिलती है तो काश्तकारों से भूमि खरीदी जाएगी। यहां पर्यटकों के लिए राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं का इंतजाम होगा, ताकि पर्यटकों को यहां पर्यटक रुक सके।

आपसी समझौते पर भी ली जा सकती है भूमि

पर्यटन विभाग के महानिदेशक ने जिला प्रशासन से कहा है कि संस्कृति विभाग के म्यूजियम के समीप 15 एकड़ भूमि चाहिए। इसके लिए काश्तकारों से आपसी समझौते पर भी जमीन ली जा सकती है। म्यूजियम के समीप यदि किसी काश्तकार की भूमि है और सरकारी भूमि दूर है तो समझौते के आधार पर जमीन लेकर सरकारी भूमि पर काश्तकार को जमीन दे दी जाएगी। हालांकि इसके लिए लोग राजी होंगे, तभी काम बनेगा।

शत्रु संपत्ति, संस्थाओं की भी ली जा सकती है जमीन

पर्यटन विकास के लिए सरकार ने जिला प्रशासन से 15 एकड़ भूमि की मांग की है। इसके लिए यदि तपोस्थली में शत्रु संपत्ति की भूमि है तो उसको भी ले लिया जाएगा। इसके अलावा सामाजिक संस्थाओं की भी जमीन ली जा सकती है। इतना ही नहीं शासकीय निष्प्रयोज्य भवनों को भी हस्तांतरण कराया जा सकता है।

बौद्ध तीर्थ स्थल के रूप में होगा विकास

तपोस्थली का सरकार बौद्ध तीर्थ स्थल के रूप में विकास कराएगी। यही कारण है कि कौशाम्बी को बौद्ध सर्किट में शामिल किया गया है। बौद्ध सर्किट में शामिल होने के बाद से यहां विकास कार्य तेज हुआ है। अब नए सिरे से यहां पर्यटकों के लिए इंतजाम किए जा रहे हैं। बौद्ध तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करने के लिए सरकार बड़े प्रोजेक्ट शुरू करने की तैयारी कर रही है।

हर दिन आते हैं विदेशी पर्यटक

कौशाम्बी तपोस्थली में हर दिन विदेशी पर्यटक आ रहे हैं। वाराणसी के सारनाथ से प्रतिदिन लगभग दो से तीन टूरिस्ट बस के जरिए पर्यटक आते हैं। इनमें अधिकतर श्रीलंका के लोग रहते हैं। देश के कोने-कोने से भी लोग आते हैं। जैन धर्म के भी बड़ी संख्या में लोगों का आवागमन रहा है। तपोस्थली में जैन धर्म के भव्य व आकर्षक मंदिर बने हुए हैं।

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