बुद्ध की शिक्षाओं से स्थापित की जा सकती है शांति और मानवता
कौशाम्बी के पर्यटन विभाग के मल्टी परपज हाल में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि डॉ. टी सिरि विशुद्धि महाथेरौ ने बौद्ध धर्म में लिंग भेदभाव के खिलाफ बात की। कार्यक्रम...
कौशाम्बी स्थित पर्यटन विभाग के मल्टी परपज हाल में सोमवार को दो दिवसीय छठवां अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन आयोजित किया गया। शुभारंभ बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। मुख्य अतिथि डॉ. टी सिरि विशुद्धि महाथेरौ ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि बौद्ध धर्म में महिला व पुरुष में कोई भेद भाव नहीं बताया गया है। भिक्षुणी के रूप में महिलाओं को भी मुक्ति अथवा निर्वाण के लिए रास्ता बताया गया है। प्रो. विवेक कुमार ने कहा कि बुद्ध की शिक्षाओं से देश में शांति और मानवता स्थापित की जा सकती है। भंते डॉ. चंद्र कित्ती ने बताया कि यह आयोजन महिला सशक्तीकरण संघ व संस्कृति- पर्यटन विभाग के माध्यम से 26 नवंबर को भी किया जाएगा। जिसमें थाईलैंड, कंबोडिया, वियतनाम, वर्मा से कई विद्वान शामिल होंगे। कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं के विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार पर जोर देना है। इस मौके पर डॉ बीपी अशोक, डॉ. शश्मी नायक, अजाब शास्त्री, भंते डॉ. लोकपाल, डॉ. जे शाक्या, सुरेश कुमार, संजय कुमार, रामराज बौद्ध आदि मौजूद रहे।
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