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जीव को अभय बनाती है श्रीमद् भागवत : आचार्य

कौशाम्बी के म्योहर में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन हुआ। कथा व्यास संतोष आचार्य ने बताया कि मृत्यु को समझने से मृत्यु का भय समाप्त होता है। भागवत कथा अभय प्रदान करती है और हृदय को जागृत कर मुक्ति का...

Newswrap हिन्दुस्तान, कौशाम्बीSun, 24 Nov 2024 09:55 PM
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कौशाम्बी विकास खंड क्षेत्र के म्योहर में रविवार को श्रीमद् भागवत कथा के पहले दिन कथा व्यास संतोष आचार्य ने कहा कि मृत्यु को जानने से मृत्यु का भय मन से मिट जाता है। जिस प्रकार परीक्षित ने भागवत कथा का श्रवण कर अभय को प्राप्त किया, वैसे ही भागवत जीव को अभय बना देती है। बताया कि श्रीमद्भागवत कथा परमात्मा का अक्षर स्वरूप है। यह परमहंसों की संहिता है। भागवत कथा हृदय को जागृत कर मुक्ति का मार्ग दिखाती है। इसके श्रवण का महत्व है। भागवत कथा भगवान के प्रति अनुराग उत्पन्न करती है। यह ग्रंथ वेद, उपनिषद का सार रूपी फल है। जन्म-जन्मांतर एवं युग-युगांतर में जब पुण्य का उदय होता है, तब ऐसा अनुष्ठान होता है। श्रीमद्भागवत कथा एक अमर कथा है। इसे सुनने से पापी भी पाप मुक्त हो जाते हैं। कहा कि सबसे पहले सुखदेव मुनि ने राजा परीक्षित को भागवत कथा सुनाई थी। उन्हें सात दिनों के अंदर तक्षक के दंश से मृत्यु का श्राप मिला था। इस मौके रवि शंकर संतोष गर्ग, चंद्र मोहन मिश्र, जय नारायण, कमलेश मिश्रा आदि मौजूद रहे।

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