किताब और ड्रेस की आड़ में निजी स्कूल अभिभावकों की जेब पर डाल रहे डाका
Kausambi News - एक अप्रैल से नए शिक्षण सत्र में स्कूल प्रबंधकों ने फीस बढ़ा दी है। अभिभावकों को एनसीईआरटी की किताबों के बजाय प्राइवेट पब्लिशर्स की महंगी किताबें खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है। स्कूलों ने यूनिफॉर्म...

स्कूल प्रबंधकों ने एक अप्रैल से शुरू हुए नए शिक्षण सत्र में स्कूल फीस में बढ़ोतरी कर दी है। स्कूल संचालक स्कूल में खुली दुकानों या अपनी बताई गई दुकानों से एनसीईआरटी की जगह प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबों को खरीदने के लिए अभिभावकों को विवश कर रहे हैं। इन किताबों की कीमत एनसीईआरटी की किताबों से कई गुना ज्यादा है। सीबीएसई व शिक्षा विभाग के निर्देशों के विपरीत सभी निजी स्कूलों ने अपनी किताब, ड्रेस, जूते, मोजे आदि की दुकानें खोल रखी हैं। जबकि प्राइवेट स्कूलों में एनसीईआरटी व सीबीएसई द्वारा निर्धारित किताबों से पढ़ाई का आदेश दिया गया है। क्षेत्र स्थित तमाम स्कूलों ने अब यूनिफार्म के नाम पर अभिभावकों पर अलग ही बोझ डाल दिया है। यूनिफॉर्म के लिए भी निदेशालय ने स्कूलों को आदेश दिया है कि वह पांच वेंडरों की सूची चस्पा करें जहां से अभिभावक यूनिफॉर्म खरीद सकें। लेकिन स्कूलों ने कैंपस के अंदर ही विक्रेता बैठाए हैं और यूनिफॉर्म का डिजाइन भी बदल दिया और बाहर के विक्रेताओं को डिजाइन के बारे में जानकारी ही नहीं दी। मजबूरन अभिभावकों को स्कूल के अंदर बैठे विक्रेता से महंगे दाम पर यूनिफार्म खरीदनी पड़ रही है।
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