Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़कौशाम्बीManauri Village Observes Muharram with Processions and Mourning for Imam Hussain and Karbala Martyrs

निकला चेहल्लुम का जुलूस, अजादारों ने की जंजीरजनी और सीनाजनी

पूरामुफ्ती के मनौरी गांव में बुधवार रात ताजिया, जुलजनाह, ताबूत और अलम का जुलूस निकाला गया। मौलाना ने कर्बला के मसायब बयान किए जिससे अजादार रोने लगे। गोरखपुर से मौलाना ने इमाम हुसैन की कुर्बानी की बात...

Newswrap हिन्दुस्तान, कौशाम्बीFri, 30 Aug 2024 04:48 PM
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पूरामुफ्ती के मनौरी गांव में बुधवार रात ताजिया, जुलजनाह, ताबूत और अलम का जुलूस निकाला गया। इसके पहले मजलिस में मौलाना ने कर्बला के मसायब बयान किए तो अजादार अपनी आंखों से अश्क नहीं रोक सके। वह जारो कतार रोने लगे। उसके बाद बाहर से आई अंजुमनों ने नौहा ख्वानी व सीनाजनी की। मनौरी गांव स्थित पंचायती बड़ा इमामबाड़ा कलां में अजादरों ने करबला में शहीद इमाम हुसैन और उनके 71 जांनशीनों को खिराज-ए-अकीदत पेश किया। गोरखपुर से आए मौलाना जनाब जफर अब्बास ने मजलिस पढ़ते हुए कहा कि इमाम हुसैन ने करबला के मैदान में अपने नाना के दीन को बचाने के लिए कुर्बानी दी थी। यही वजह है कि आज पूरी दुनिया में इंसानियत बची हुई है। कहा कि रसूल व आले रसूल से मोहब्बत का तरीका ये है कि हम उनका कहना मानें, उनके बताए रास्ते पर चलें। मकसद-ए-हुसैन को समझें और उस पर अमल करें। तभी मजलिसों में आना कुबूल होगा। हमें इमाम हुसैन के मकसद को सामने रखकर अजादारी व शब्बेदारी को अंजाम देना चाहिए। इमाम हुसैन ने दुनिया के सबसे बड़े आतंकी यजीद के खिलाफ सच्चाई की आवाज बुलंद की और इंसानियत को मरने से बचाया। उन्होंने इमाम हुसैन की चार साल की बच्ची जनाब ए सकीना की शहादत बयान की तो अजादार दहाड़ें मारकर रो पड़े। मजलिस से पहले जनाब आफतार हैदर, शब्बीर हसन और मजहर हसन ने सोज पढ़ी। पेशख्वानी जनाब मेंहदी हसन करारवी ने की। इसके बाद अंजुमन ए मोहम्मदिया ने ताजिया, अलम और ताबूत का जुलूस बरामद किया। जुलूस में अंजुमन पंजतनी तोराबखानी सुल्तानपुर, जैनुल एबा कदीम रायबरेली, अंजुमन अब्बासिया बड़ा गांव, अंजुमन अंसार ए हुसैनी बनारस, अंजुमन हुसैनी जसरा, अंजुमन सदका ए जहरा करारी, अंजुमन असगरिया कदीम मंझनपुर, अंजुमन जाफरिया फतेहपुर, अंजुमन हुसैनिया जौनपुर और अंजुमन अलमदार ए हुसैनी करारी की अंजुमनों ने पुरदर्द अंदाज में नौहाख्वानी और सीनाजनी की। बाजापुर से आई अंजुमन दुआ ए जहरा ने अपने मखसूस अंदाज में जंजीरजनी की। कोलकता से आए मौलाना शब्बीर अली वारसी ने तकरीर की। पांच जुलजनाह की शबीह बरामद होने पर अजादारों ने जहरा को उनके लाल का पुरसा दिया। निजामत जाहिद कानपुरी ने किया। यौम ए गम में चारो तरफ से हाय हुसैन, हाय अब्बास, हाय सकीना की सदा गूंज रही थी। इस मौके पर अंजुमन ए मोहम्मदिया कमे के सभी लोग मौजूद रहे।

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