किसानों की सवा सौ बीघा ले ली जमीन, उद्योग गायब
पुलिस लाइन के पीछे सवा सौ बीघा जमीन इंडस्ट्रियल हब के लिए सुरक्षित की गई है, लेकिन उद्योग लगाने की दिशा में अब तक कोई पहल नहीं हुई है। उद्योगपतियों की बैठकें हुईं, लेकिन कोई भी उद्योग लगाने के लिए आगे...
इंडस्ट्रियल हब बनाने के लिए पुलिस लाइन के पीछे किसानोंं की सवा सौ बीघा जमीन ले ली गई। उद्योगों के लिए इस जमीन को सुरक्षित कर लिया गया है, लेकिन उद्योग लगाने की दिशा में अब तक कोई पहल नहीं हो सकी। तमाम तामझाम के बीच उद्योग पतियों के साथ हुई बैठकों का भी कोई परिणाम अब सामने नहीं आ सका है। कागजों पर केवल एमओयू साइन कर उद्योगपति गायब हो गए हैं। कौशाम्बी को इंडस्ट्रियल हब बनाने की कोशिश लंबे समय से चल रही है। पहले इंडिस्ट्रिल हब बनाने के लिए रोही बाईपास के समीप जमीन अधिग्रहीत करने की कार्रवाई चल रही थी, लेकिन काश्तकार नहीं राजी हुए थे। वर्ष 2023 में डीएम सुजीत कुमार ने पुलिस लाइन के पीछे पट्टे पर दी गई भूमि को इंडस्ट्रियल हब के लिए सुरक्षित करा दिया। यह जमीन सवा सौ बीघा बताई जा रही है। इस भूमि के सुरक्षित होने के बाद कलक्ट्रेट में तीन मर्तबा उद्योग पतियों की बैठक कराई गई। कई बड़ी नामी गिरामी कंपनी के लोग आए। कई कंपनी के सीधे मालिक भी यहां बैठक में शामिल होने आए थे। लगभग हर बैठक में 500 करोड़ रुपये से ज्यादा का एमओयू साइन किया गया, लेकिन अब तक एक भी उद्योग पति उद्योग लगाने के लिए आगे नहीं आया। किसानों की ली गई भूमि जस का तस पड़ी है। उद्योग पतियों की अनदेखी की वजह से अफसरों ने भी इस भूमि की ओर से अपनी निगाह फेर ली है। उद्योग विभाग तो इस मसले पर किसी तरह की बातचीत भी नहीं करना चाहता है।
उद्योग लगाने को अब तक कोई नहीं आया आगे
पुलिस लाइन के पीछे इंडस्ट्रियल हब के लिए करीब सवा सौ बीघा भूमि सुरक्षित की गई है। अब इंतजार है तो किसी कंपनी का। वह यहां यदि उद्योग लगाने के लिए तैयार हो जाएं तो उसे जमीन दे दी जाए, लेकिन अब तक कोई सामने नहीं आया है। यह जमीन अधिकारियों ने बहुत सोच-समझकर चिह्नित की थी। राम वन गमन मार्ग छह लेन का बन रहा है। इसी से जुड़ी जमीन है। कच्चे माल की आपूर्ति व सप्लाई में किसी भी प्रकार की दिक्क्त यहां से नहीं होने वाली है, इसके बावजूद उद्योग नहीं लग पा रहा है।
बेरोजगारों को दिखाए गए बड़े-बड़े सपने
निवेश के नाम पर उद्योगपतियों की बैठकों के लिए भव्य कार्यक्रम कराए गए थे। इनकी आवभगत भी बढ़चढ़ कर की गई थी। उम्मीद यही थी कि कोई न कोई उद्योग लगाएगा। बैठकों के बाद अधिकारी यही दावा करते रहे कि उद्योग लगने के बाद जनपद के बड़ी संख्या में बेरोजगार युवकों को घर बैठे रोजगार मिलेगा, लेकिन फिलहाल अभी तक यह सपना ही दिख रहा है।
डीएम ने उपायुक्त उद्योग से मांगी रिपोर्ट
पुलिस लाइन के पीछे इंडस्ट्रियल हब के लिए सुरक्षित की गई भूमि की जानकारी होते ही उपायुक्त उद्योग से रिपोर्ट मांगी है। निर्देश दिया है कि निवेश के लिए कितने लोगों के साथ बैठक हुई थी। उन्होंने किस संबंध में एमओयू साइन किया था। इसकी बिंदुवार जानकारी दी जाए। इतना ही नहीं यह भी पूछा है कि उद्योग लगाने के संबंध में उद्योग पतियों की अभी तक की क्या अपडेट है।
इंडस्ट्रियल हब क्षेत्र की सुरक्षित जमीन की पूरी जानकारी मांगी गई है। यदि जमीन सुरक्षित है तो वहां उद्योग लगवाने के लिए नए सिरे से पहल की जाएगी। साथ ही शासन के संज्ञान में मामला लाया जाएगा।
मधुसूदन हुल्गी-डीएम
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