कागजों में चल रहे हैं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर
स्वास्थ्य विभाग को जनपद में 83 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाने हैं। इनमें से 71 बनकर तैयार हो चुके हैं। कई केंद्रों में तैनाती भी हो चुकी हैं, लेकिन...
पइंसा। हिन्दुस्तान संवाद
स्वास्थ्य विभाग को जनपद में 83 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाने हैं। इनमें से 71 बनकर तैयार हो चुके हैं। कई केंद्रों में तैनाती भी हो चुकी हैं, लेकिन सेंटर चालू नहीं किए जा सके हैं। हालांकि कागजों में यह सेंटर चल रहे हैं। इससे मरीजों को लाभ नहीं मिल रहा है। इन सेंटरों में गंभीर रूप से बीमार लोगों का चेकअप किया जाना है। सेंटर न खुलने से मरीजों की जांच नहीं हो पा रही है।
गंभीर रूप से बीमार लोगों की जांच के लिए गांव-गांव हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाए जा रहे हैं। जनपद में 83 सेंटर बनने हैं। इनमें से 71 सेंटर बन चुके हैं। कई सेंटरों में हेल्थ कम्युनिटी आफिसर (सीएचओ) की तैनाती हो चुकी है। इसके बावजूद ये सेंटर नहीं खुल रहे हैं। यहां रखी जांच के लिए मशीनें भी धूल फांक रही हैं। सेंटरों के न खुलने से लोग इसके आसपास अपने मवेशी भी बांधने लगे हैं। सेंटरों को बनाने का उद्देश्य था कि गांव के गंभीर रूप से बीमार लोगों की पहचान की जा सके। आशा बहू ऐसे लोगों को इन सेंटरों पर लेकर आती। जांच के दौरान यदि किसी मरीज में टीबी, कैंसर, बीपी, सुगर आदि की रिपोर्ट पाजिटिव आती तो इनको सीएचसी रेफर किया जाता। जहां इनका इलाज शुरू होता। शासन ने ग्रामीणों के लिए बढ़िया व्यवस्था की है, लेकिन अफसरों की अनदेखी की वजह से कर्मचारी मनमानी कर रहे हैं। सेंटर नहीं खोले जा रहे हैं। इसकी जानकारी अधिकारियों को है। इसके बावजूद कार्रवाई नहीं हो रही है। सीएमओ डॉ. पीएन चतुर्वेदी ने बताया कि सेंटर बनाने के लिए आरईएस विभाग को डेढ़ करोड़ रुपये दिया गया है। कई जगह सेंटर चालू हो गए हैं। सेंटरों में कर्मचारी नहीं आ रहे हैं, इसकी जानकारी नहीं है। यदि ऐसा है तो कार्रवाई की जाएगी।
-
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।