Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़कौशाम्बीEnchanting Ram Leela Performance in Sarai Akil Manu and Shatarupa s Divine Journey

तपस्या से प्रसन्न श्री हरि ने मनु-शतरूपा को दिया वरदान

नगर पंचायत सरायअकिल में रामलीला का मंचन हुआ, जिसमें मनु और शतरूपा की लीला दिखाई गई। दर्शकों ने कलाकारों के अभिनय को बहुत सराहा। मनु ने अपने राज्य को त्यागकर तपस्या की, जिसमें भगवान विष्णु ने उन्हें...

Newswrap हिन्दुस्तान, कौशाम्बीSun, 6 Oct 2024 04:27 PM
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नगर पंचायत सरायअकिल के चावल मंडी मैदान की रामलीला में शनिवार रात मनु-शतरूपा की लीला दिखाई गई। कलाकारों का सुंदर अभिनय देख दर्शक भावविभोर हो गए। यहां रावण जन्म के साथ अन्य लीलाएं भी हुईं। दिखाया गया कि एक बार महाराज मनु अपने दरबार में बैठे थे। तभी उन्हें ध्यान आया कि अब उनको परमपिता परमात्मा की प्राप्ति करनी चाहिए। उन्होंने अपना राज्य पुत्र उत्तानुपाद को दे दिया और तपस्या के लिए निकल पड़े। उसके साथ उनकी पत्नी शतरूपा भी वन की ओर चल दीं। वह दोनों वन में विचरण करते हुए नैमिषारण्य पहुंचे। वहां पर तपस्या करने लगे। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर पहले भगवान विष्णु सहित तीनों देव पहुंचे और उनसे वरदान मांगने को कहा तो मनु शतरूपा ने भगवान विष्णु से उनके सामान पुत्र की मांग की। जिस पर भगवान विष्णु ने कहा कि उनके सामान दूसरा नहीं हो सकता है। इसलिए वह स्वयं दूसरे जन्म में पुत्र के रूप में उनके यहां पैदा होंगे। भगवान के वरदान के बाद मनु शतरूपा ने तपस्या समाप्त की। तत्पश्चात रावण जन्म का आकर्षक मंचन कलाकारों ने दिखाया। इस मौके पर अध्यक्ष गोपाल जी केसरवानी सहित सभी कमेटी पदाधिकारी व तमाम दर्शक मौजूद रहे।

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