इल्म से ही इंसान बनता है काबिल: मौलाना हादी
Kausambi News - सरायअकिल के कटरा अतरसुइया गांव में रविवार को मरहूम मजहर अब्बास इब्ने अजहर अब्बास के चालीसवें की मजलिस का आयोजन हुआ। मौलाना डा. सैयद हादी रजा तक्वी ने शिक्षा के महत्व पर जोर दिया, और बताया कि इल्म की...
सरायअकिल के कटरा अतरसुइया गांव स्थित इमामबाड़ा में रविवार को मरहूम मजहर अब्बास इब्ने अजहर अब्बास मरहूम के चालीसवें की मजलिस का आयोजन किया गया। मजलिस को अलीगढ़ से आए मौलाना डा.सैयद हादी रजा तक्वी ने खिताब किया। मजलिस की शुरुआत सोजख्वानी से की गई। सोजख्वानी सैयद कामरान रिजवी ने पढ़ी। उसके बाद हसन अतरसुइयाइवी ने पेशख्वानी की। निजामत सफदर रिजवी इलाहाबादी ने की। मौलाना डा. सैयद हादी रजा तक्वी ने कहा कि इल्म सीखना बहुत जरूरी है। इस्लाम में दीन दुनिया का इल्म सीखना फर्ज और सुन्नत अदा करने जैसा है। मौजूदा हालात को देखते हुए समाज में सबसे जरूरी बच्चों की शिक्षा है। आने वाली युवा पीढ़ी के शिक्षित होने से ही देश की तरक्की संभव है। उन्होंने बताया की इल्म की रौशनी में जो भी काम किए जाते हैं, सब कामयाब होते हैं। इस्लाम में भी इल्म सीखना जरूरी बताया गया है। इल्म से ही अपको जीने का सही तरीका आता है। इल्म हासिल करने के लिए अगर शहर, देश भी छोड़ना पड़े तो कोई गुरेज न करें। इल्म इंसानियत और मिल्लत सिखाती है। उन्होंने कहा यही वजह है कि कर्बला वालों की मौत आसान थी जिंदगी मुश्किल थी। मौलाना ने हजरत अली (अ.स) की शहादत बयान की तो अजादारों की आंखें भर आईं। मौला के मसायब सुनकर अजादार जारो-कतार रोने लगे। मौजूद लोगों ने मरहूम के पेसरान को उनके वालिद का पुरसा दिया।
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