Hindi NewsUttar-pradesh NewsKausambi NewsCelebration of Imam Ali s Birthday at Shia Jama Masjid in Karari

मौला अली की विलादत पर करारी में सजी महफिल

Kausambi News - नगर पंचायत करारी में शिया जामा मस्जिद में इमाम मौला अली (अ.स) के जन्मदिन के अवसर पर जश्ने मौला ए कायनात का आयोजन किया गया। महफिल में शायरों ने मौला अली की शान में कलाम पेश किया। मौलाना सैयद जमीर हैदर...

Newswrap हिन्दुस्तान, कौशाम्बीTue, 14 Jan 2025 11:23 PM
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नगर पंचायत करारी स्थित शिया जामा मस्जिद में पहले इमाम मौला अली (अ.स) के जन्मदिन के अवसर पर जश्ने मौला ए कायनात का आयोजन किया गया। महफिल में मुकामी शायरों ने अपने कलाम पेश कर वाहवाही बटोरी। महफिल की शुरुआत कुरान की तेलावत से मोहम्मद जव्वाद ने किया। इसके बाद शेर-शायरी का दौर शुरु हुआ जो सुबह से देर शाम तक चला। मंगलवार को कस्बे में मुसलमानों के खलीफा और आखिरी नबी हजरत मोहम्मद मुस्तफ (स.) के जा नशीन मौला ए कायनात हजरत अली (अ.स) के जन्मदिन पर महफिल आयोजित की गई। महफिल की शुरुआत कुरआन की तेलावत से की गई। महफिल में मुकामी और बाहरी शायरों ने मौला अली की वेलादत पर उनकी शान में कलाम पेश किए। पहले छोटे छोटे बच्चों ने मौला अली की शान में कसीदे पढ़े। इसके बाद शुरू हुआ शायरों के पढ़ने का सिलसिला। मजलिसी रिजवी ने कलाम पढ़ा--खुल्दे बरीं के वास्ते दरकार है नमाज, तै कैसे हो कि किसकी मददगार है नमाज। इसके बाद जफर अढ़हरवी ने बेहतरीन कलाम पेश कर वाहवाही बटोरी उन्होंने पढ़ा-नबियों से भी अजीम फजीलत अली की है, घर मे ख़ुदा के आज वेलादत अली की है। हसन अतरसुइयावी ने पढ़ा-किस्मत की धनी हैं बिन्ते असद इमरान हैं ईमां का मरकज, ननिहाल भी आला हैदर का ददिहाल भी आला हैदर का। मंजर मंझनपुरी ने पढ़ा-देखता हूं बाय बिस्मिल्लाह इस नीयत के साथ, है इबादत फातहे खैबर का चेहरा देखना। अली सरदार रिजवी ने पढ़ा-जमाने से अली वालों की सुल्तानी नहीं जाती, इसी बाइस मुनाफिक की परेशानी नहीं जाती। महफिल का संचालन करते हुए रौशन करारवी ने पढ़ा-दिल में हर इक का बसेरा नहीं होने देंगे, हम अकीदे का तमाशा नहीं होने देंगे, बोले मीसम की ज़ुबां काट के क्या कर लोगे, मेरे मौला मुझे गूंगा नहीं होने देंगे। आखिर में करारी शिया जामा मस्जिद के पेश इमाम मौलाना सैयद जमीर हैदर रिजवी ने तकरीर करते हुए मौला अली की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मौला अली ने अपनी पूरी जिंदगी इस्लाम के प्रचार प्रसार में बिताया था। मौला अली ने मुसलमानों के आखिरी नबी हजरत मोहम्मद मुस्तफा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर दीन की मदद की थी। इस मौके पर बुज़ुर्ग आलिमे दीन मौलाना सैयद मोहम्मद जोहैर कैन रिजवी, फुरकान रिजवी, अफरोज हैदर, उस्मान अली, फैज मंझनपुरी, सैफ करारवी, इमरान हैदर, सलमान रिजवी और जफर करारवी सहित काफी संख्या में लोग मौजूद थे।

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