सीएचसी कौशाम्बी अन्तर्गत आने वाली ग्रामसभाओं में छोटी-मोटी बीमारी का इलाज करने के लिए शासन द्वारा 27 आयुष्मान स्वास्थ्य केंद्र खोले गए हैं। लेकिन इन केंद्रों से क्षेत्रीय लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। कुछ केंद्रों में निर्माण के बाद आज तक सीएचओ (सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी) की तैनाती ही नहीं हो सकी है तो आधा आधा दर्जन केंद्रों के सीएचओ मनमानी करते हुए केंद्र नहीं जा रहे हैं।
Kausambi News - कौशाम्बी क्षेत्र में 27 आयुष्मान स्वास्थ्य केंद्र खोले गए हैं, लेकिन सीएचओ की तैनाती न होने के कारण ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। कई केंद्र बंद हैं और लोग छोटी-छोटी...

सीएचसी कौशाम्बी अन्तर्गत आने वाली ग्रामसभाओं में छोटी-मोटी बीमारी का इलाज करने के लिए शासन द्वारा 27 आयुष्मान स्वास्थ्य केंद्र खोले गए हैं। लेकिन इन केंद्रों से क्षेत्रीय लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। कुछ केंद्रों में निर्माण के बाद आज तक सीएचओ (सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी) की तैनाती ही नहीं हो सकी है तो आधा आधा दर्जन केंद्रों के सीएचओ मनमानी करते हुए केंद्र नहीं जा रहे हैं। इससे आयुष्मान स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण व सीएचसी की तैनाती कर शासन भले ही करोड़ो रुपया पानी में बहा रहा है कि लोगों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
कौशाम्बी ब्लॉक क्षेत्र की 57 ग्रामसभाओं में रहने वाली जनता को छोटी-छोटी बीमारियों के लिए सीएचसी व मेडिकल कालेज का सफर न करना पड़े इसे लेकर शासन द्वारा 27 आयुष्मान केंद्र वर्ष 2021-22 में बनवाये गए। इसके बाद 12 केंद्रों पर लोगों का इलाज व दवाओं का वितरण करने के लिए सीएचओ की तैनाती की गई। जबकि 15 केंद्रों पर आज तक विभाग द्वारा सीएचओ की तैनाती ही नहीं की सकी। जिन 12 केंद्रों में सीएचओ की तैनाती है उनमें जाठी, पड़रिया शुकुवारा, रक्सराई, बेरुई व मंहगूपुर, इटैला कभी नहीं खुलते। महज पांच केंद्रों पर ही सीएचओ बैठकर आने वाले मरीजों को दवाओं का वितरण करते हैं। सात के्रद्रों पर सीएचओ की लापरवाही व 15 केंद्रों पर सीएचओ की तैनाती न होने से लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में छोटी-छोटी बीमारियों से पीड़ित होने के बाद सम्बंधित गांवों के मरीजों को खांसी, जुकाम, बुखार की दवा लेने सीएचसी या फिर मंझनपुर स्थित मेडिकल कालेज जाना पड़ता है। जिम्मेदार हैं कि बंद पड़े आयुष्मान स्वास्थ्य केंद्रों में सीएचओ की तैनाती को लेकर न तो कोई पहल की गई और न ही तैनाती के बाद लापरवाही बरतने वाले सीएचओ पर ही शिकंजा कसा जा सका है। इसके चलते 27 केंद्रों के निर्माण में शासन का करोड़ो रुपया खर्च होने के बाद भी लोगों को स्वास्थ्य सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इन केंद्रों पर नहीं हो सकी सीएचओ की तैनाती कौशाम्बी ब्लॉक क्षेत्र की ग्रामसभा भकंदा, कनैली, महिला, छेकवा, गुरौली, रसूलपुर सोनी, भटवरिया, कायमपुर, रानीपुर, बटबंधुरी, संचवारा, अर्काफतेहपुर, म्योहर, विदांव समेत 15 आयुष्मान स्वास्थ्य केंद्रों में निर्माण के बाद सीएचओ की तैनाती नहीं हो सकी है। इसके चलते करोड़ो रुपया खर्च होने के बाद आज तक ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल सका है। जिम्मेदार हैं कि निर्माण के चार वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक सीएचओ की तैनाती नहीं करा सके हैं। तैनाती के बाद भी केंद्र न जाने वाले सीएचओ उपस्थिति का औचक निरीक्षण किया जायेगा। न मिलने पर कार्रवाई के लिए रिपोर्ट सीएमओ को भेजी जायेगी। जिन केंद्रों में सीएचओ की तैनाती नहीं है उसके लिए मांगपत्र सीएमओ को भेजा गया है। डॉ. संजय सिंह, सीएचसी अधीक्षक आयुष्मान स्वास्थ्य केंद्रों में सीएचओ की तैनाती करने के लिए शासन से डिमांड की गई है। जिन केंद्रों में सीएचओ तैनात होने के बाद भी नहीं जा रहे हैं उसकी जांच एमओआईसी कौशाम्बी से कराते हुए दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी। डॉ. संजय कुमार, सीएमओ, कौशाम्बी गांव स्थित आयुष्मान स्वास्थ्य केंद्रों में सीएचओ की तैनाती न होने से ताला बंद रहता है। इससे लोगों को स्वास्थ्य योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। मामले की शिकायत ब्लॉक स्तर पर की गई पर कोई सुनने वाला नहीं है। अम्बर सिंह, म्योहर गांव में आयुष्मान स्वास्थ्य केंद्र खुलने के बाद लोगों ने चिकित्सा सेवा को लेकर राहत महसूस किया था। केंद्र में सीएचओ की तैनाती न होने से लोगों को छोटी-छोटी बीमारियों का इलाज कराने कनैली या फिर जिला अस्पताला जाना पड़ता है। अनिल शर्मा, कनैली ग्रामसभा में आयुष्मान स्वास्थ्य केंद्र खुलने के बाद लोगों में चिकित्सा सेवा को लेकर खुशी देखने को मिल रही थी। शासन नें केंद्र भवन तो बनवा दिया पर सीएचओ की तैनाती न होने से किसी को योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। गोरे लाल मौर्य, कनैली गांव स्थित आयुष्मान स्वास्थ्य केंद्र में सीएचओ की तैनाती है। लेकिन वह कभी भी केंद्र नहीं आते। इसके चलते गांव के बीमार होने वाले लोगों को शासन की मंशानुरूप स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। सत्यम सिंह, महंगूपुर केंद्र में ताला बंद रहने के चलते कोई भी इलाज के लिए वहां नहीं जाता। छोटी-छोटी बीमारी होने पर ग्रामीण स्थानीय झोलाछाप से इलाज करा लेते हैं। गम्भीर बीमारी होने पर मंझनपुर जिला अस्पताल का सहारा लेते हैं। आशीष कुमार शुक्ल, मोहिद्दीनपुर सीएचओ की तैनाती न होने से ग्रामीणों को स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल पा रहा है। किसी भी बीमारी का इलाज कराने के लिए प्राइवेट चिकित्सकों या फिर दस किलोमीटर दूर स्थित सीएचसी कौशाम्बी तक का सफर करना पड़ता है। अशोक कुमार मिश्र, गुरौली केंद्र में ताला बंद होने के चलते लोग सीएचसी में इलाज कराने के लिए जाते हैं। सीएचओ के नहीं आने की शिकायत अधीक्षक से कई बार की गई पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हरीशंकर मिश्र, नैनुआ शासन की योजना गांव के गरीब तबके लिए बहुत ही लाभकारी है। लेकिन विभागीय जिम्मेदारों की अनदेखी व सीएचओ की मनमानी के चलते इलाकाई ग्रामीणों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। कृष्णानंद पांडेय, मवई गांव स्थित आयुष्मान स्वास्थ्य केंद्र में सीएचओ की तैनाती विभाग द्वारा की गई है। लेकिन किसकी तैनाती है ग्रामीणों से आज तक मुलाकात नहीं हो सकी। सीएचओ के नहीं आने के कारण अब कोई आयुष्मान केंद्र की तरफ जाने का मन ही नहीं करता। नीरज कुमार, पड़रिया शुकुवारा ग्रामसभा से गुरौली में बना आयुष्मान स्वास्थ्य केंद्र डेढ़ किलोमीटर दूर है। केंद्र बनने के बाद माना जा रहा था कि लोगों को छोटी-छोटी बीमारियों का लाभ मिलेगी। लेकिन सीएचओ की तैनाती न होने से भवन पूरी तरह बंद रहता है। ऐसे में लोगों को सीएचसी कौशाम्बी तक का सफर करना पड़ता है। आशीष त्रिपाठी, दाई का पूरा
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।