आशाओं के साथ सरकार कर रही खिलवाड़
जिला मुख्यालय में आशा वर्कर्स यूनियन का सम्मेलन हुआ, जिसमें पदाधिकारियों ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह आशा कार्यकत्रियों के साथ अन्याय कर रही है। प्रोत्साहन राशि, सामाजिक सुरक्षा और न्यूनतम वेतन की...
जिला मुख्यालय में रविवार को आशा वर्कर्स यूनियन का सम्मेलन हुआ। सम्मेलन में शामिल पदाधिकारियों ने कहा कि आशा कार्यकत्रियों के साथ सरकार खिलवाड़ कर रही है। प्रोत्साहन राशि नहीं दी जा रही है। इसके अलावा भविष्य निधि, ग्रेच्युटी के अलावा किसी भी तरह की सामाजिक सुरक्षा नहीं दी जा रही है। मुख्य अतिथि प्रदेश सचिव अनिल वर्मा ने सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि सरकार आशा कर्मियों के साथ अन्याय कर रही है। पिछले कई वर्षों से यूनियन अपनी बुनियादी मांगों और समस्याओं को उठाकर सरकार से समाधान की मांग कर रही है, लेकिन सरकार लगातार अनदेखी कर रही है। बताया कि आशा कार्यकत्रियों के ऊपर काम का बोझ बढ़ता जा रहा है। प्रोत्साहन राशियों का अता-पता ही नहीं रहता है। भुगतान उन्हें नहीं मिलता है। दो चार कार्र्याे की प्रोत्साहन राशि दी जाती हैं तो उनका निर्धारण वर्षों पूर्व किया जाता है। आशा और संगिनी को राज्य स्वास्थ्य कार्यकर्ता का दर्जा देकर उनका स्थायीकरण किया जाए। न्यूनतम वेतन दिए जान की सिफारिश वर्ष 2013 में भारतीय श्रम सम्मेलन ने की थी। इसके बाद भी आज तक इस पर विचार नहीं किया गया। इस मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष रेशा मौर्या, विजय विद्रोही, गीतांजलि, अभिलाषा मिश्रा, मीनू तिवारी, नीलम विश्वकर्मा, आशा सिंह, पुष्पा देवी, निशा देवी, मंजू त्रिपाठी, भोला रानी आदि लोग रहे।
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