एसिड अटैक पीड़िताओं को अब नि: शुल्क मनोवैज्ञानिक परामर्श
Kausambi News - मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत आशा और एएनएम की जिम्मेदारी बढ़ गई है। अब उन्हें एसिड अटैक पीड़िताओं को मनोवैज्ञानिक परामर्श दिलाना होगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक ने सीएमओ को पत्र भेजकर आदेश...
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मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत कार्यरत आशा और एएनएम की जिम्मेदारी बढ़ने वाली है। उनको एसिड अटैक पीड़िताओं को मनोवैज्ञानिक परामर्श दिलाना होगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक ने पत्र भेजकर इस बाबत सीएमओ को आदेश दिया है। इसके बाद चिकित्सा अफसरों ने आशा-एएनएम के साथ बैठक करने की तैयारी शुरू कर दी है। एसिड अटैक पीड़िताओं को अभी तक सरकारी स्तर पर मनोवैज्ञानिक परामर्श नहीं मिल पाता था। ग्रामीण क्षेत्रों की पीड़िताओं को सबसे ज्यादा परेशानी होती थी। उनको भावनात्मक समर्थन भी कम ही हासिल हो पाता था। इसके चलते कई बार पीड़िताएं अवसाद का शिकार हो जाती थीं, या उनकी मनोदशा खराब हो जाती थी। समस्या को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त सचिव ने गंभीरता से लिया है। उनके आदेश पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक डॉ. पिंकी जोवल ने मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संजय कुमार को पत्रक भेजा है। इसमें साफ कहा है कि आशा और एएनएम को तैयार किया जाए। जाकि, वह एसिड अटैक पीड़िताओं को भावनात्मक समर्थन व मनोवैज्ञानिक परामर्श दिला सकें।
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मनोचिकित्सक से मिलवाएंगी आशा-एएनएम
एसिड अटैक पीड़िताओं को आशा और एएनएम मनोचिकित्सकों तक पहुंचाएंगी। मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पाताल के मनोचिकित्सक मनोवैज्ञानिक सहायता करेंगे। जरुरत महसूस होने पर वह शहरों के बड़े अस्पतालों के लिए भी रेफर करेंगे। पीड़ता को स्थानीय मनोचिकित्सक तक पहुंचाना आशा-एएनएम की जिम्मेदारी होगी।
दिल्ली में हुए कार्यक्रम से ली गई सबक
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अप्रैल 2024 में दिल्ली में एक कार्यक्रम कराया था। इसका नाम पीड़ितों को कानूनी सहायता तक पहुंच था। इसी कार्यक्रम के दौरान पीड़ताओं को मनोवैज्ञानिक परामर्श दिलाने की जरुरत महसूस की गई थी। कार्यक्रम से सबक लेते हुए ही आशा-एएनएम का सहयोग मांगा गया है।
जल्द ही कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इसमें बुलाई गई आशा-एएनएम को बताया जाएगा कि कैसे एसिड अटैक पीड़िताओं को मनोवैज्ञानिक परामर्श दिलाना है। व्यवस्था शीघ्र जिले में लागू करेंगे।
डॉ. संजय कुमार-सीएमओ
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