Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़कानपुरShri Ramkatha in Kanpur Guru s Blessing Essential for Spiritual Journey

भक्ति अध्यात्म की यात्रा में गुरु का सानिध्य जरूरी

सेवा भारती द्वारा कानपुर प्रांत में चल रही श्री रामकथा में आचार्य शान्तनु महाराज ने बताया कि भक्ति और अध्यात्म की यात्रा के लिए गुरु का सानिध्य आवश्यक है। उन्होंने भगवान राम और लक्ष्मण के जनकपुर भ्रमण...

Newswrap हिन्दुस्तान, कानपुरWed, 16 Oct 2024 09:29 PM
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सेवा भारती, कानपुर प्रांत की चल रही श्री रामकथा में बुधवार को कथा व्यास आचार्य शान्तनु महाराज ने कहा कि जब भी जीवन में भक्ति अध्यात्म की यात्रा करनी हो तो गुरु का सानिध्य होना चाहिए। कमर्शियल ग्राउंड, केशव नगर में चल रही कथा में आचार्य ने कहा कि गुरुदेव विश्वामित्र के साथ भगवान राम और लक्ष्मण जनकपुर में प्रवेश करते हैं। जनकपुरी विशेष प्रकार का नगर है, जिसमें साक्षात भक्ति महारानी बैठी हैं और भगवान भक्ति को प्राप्त करने के लिए जा रहे हैं। भगवान राम और लक्ष्मण जनकपुर भ्रमण के लिए गुरु की आज्ञा से चले और इनके इस रूप को देखकर पूरे जनकपुर में शोर हो गया भगवान ने सब को दर्शन देकर आनंदित किया।

पुष्प वाटिका के श्रृंगारिक प्रसंग को सुनाते हुए महाराज ने कहा कि पुष्पवाटिका वह स्थल है जहां पर भगवान और भक्ति का पहली बार मिलन हुआ। जिनको भी भगवान का दर्शन करना है उनको बाग में आना ही पड़ेगा। धनुष यज्ञ के प्रसंग में महाराज ने कहा कि बहुत सारे राजाओं ने धनुष को तोड़ने का प्रयत्न किया लेकिन किसी से नहीं टूटा और भगवान ने धनुष को क्षण भर में ही तोड़ दिया, क्योंकि धनुष अहंकार का प्रतीक होता है। यहां यजमान हरि प्रसाद तिवारी, माधुरी तिवारी थे। प्रमुख रूप से स्वामी निर्मल दास महाराज, युद्ध वीर, गजेंद्र सिंह, राकेश श्रीवास्तव, रतन मेहरोत्रा, विश्वजीत व ज्ञानेंद्र मिश्रा आदि रहे।

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