फसलों पर पाले की मार,किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें
Kanpur News - -पारा गिरने व कोहरे से आलू सरसों को हो रहा भारी नुकसान-पत्तेवाली फसलों में लग रहे छेदक कीट,बचाव में जुटे किसान फोटो 10 एकेबी 7 व 8परिचय-जुगराजपुर बिठू
कानपुर देहात, संवाददाता। कोहरे के साथ तापमान गिरने से फसलों पर पाले की मार पड़ रही है। इससे फूल वाली फसलों के साथ ही सब्जी व पत्तेवाली फसलों को खासा नुकसान हो रहा है। मौसम की बेरुखी से फसलों को नुकसान देख किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं। जनपद में कोहरे के साथ ही तापमान पांच डिग्री से नीचे पहुंचने व कड़ाके की सर्दी बढ़ने से फूल वाली लाही सरसों आदि की फसलों को खासा नुकसान हो रहा है। जबकि आलू में झुलसा रोग के प्रकोप के साथ ही मटर, टमाटर, बैगन, गोभी धनियां आदि फसलें भी प्रभावित होने लगी हैं। पत्ते वाली फसलों में छेदक कीटों का प्रकोप शुरू होने से किसानों की चिंता बढ़ने लगी है। शुक्रवार को भी न्यूनतम तापमान 4.5 डिग्री पर पहुंचने के बाद पाला की स्थित देख किसान फसलों की सुरक्षा के लिए चितित दिख रहे हैं। कुछ किसानों ने फसलों को बचाने के लिए कीटनाशकों का छिड़काव भी शुरू कर दिया। सीएसए के वैज्ञानिक एसएन सुनील पांडेय का कहना है कि पारा 5 डिग्री से नीचे पहुंचने पर फसलों को भारी नुकसान होता है। उन्होंने कोहरा व सर्दी के मद्देनजर किसानों को खेत में खड़ी फसलों में हल्की सिंचाई करने की सलाह दी। उन्होने कहा कि पाले की स्थिति में फसलों में प्रति लीटर पानी में1 मिलीलीटर सल्फ्यूरिक एसिड व गंधक के तेजाब का 0.1 प्रतिशत घोल का छिड़काव तथा मैंकोजेब 75 फीसदी व डब्ल्यूपी 2 ग्राम प्रति लीटर पानी के घोल का छिडकाव करना चाहिए।
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