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कानपुर में कोरोना के सात नए मरीज, 692 पहुंचा आंकड़ा

खतरनाक वायरस की मार झेल रहे कनपुरियों को कुछ राहत मिली। शनिवार को कोरोना संक्रमित सात नए मरीज सामने आए। लगातार बढ़ रही संख्या के बाद हरकत में आए स्वास्थ्य विभाग ने पूल टेस्टिंग शुरू कर दी है। पूल में...

Newswrap हिन्दुस्तान, कानपुरSat, 13 June 2020 11:32 PM
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खतरनाक वायरस की मार झेल रहे कनपुरियों को कुछ राहत मिली। शनिवार को कोरोना संक्रमित सात नए मरीज सामने आए। लगातार बढ़ रही संख्या के बाद हरकत में आए स्वास्थ्य विभाग ने पूल टेस्टिंग शुरू कर दी है। पूल में 331 सैंपल लिए गए हैं। हालात को काबू करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में भी नमूने लिए जा रहे हैं। 598 सैंपल लिए गए हैं। इसके साथ ही अब तक कानपुर में कुल 692 पॉजिटिव केस रिपोर्ट हो चुके हैं।

संक्रमित आने वाले शख्स के घर के 200 मीटर दायरे के साथ रैपिड तौर पर भी पूल सैंपल हो रहे हैं। यह पहली बार हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक आईसीएमआर की गाइडलाइन के हिसाब से 500 से अधिक पॉजिटिव केस होने के बाद पूल सैंपल कराए जाने है उसी कड़ी में यह शुरुआत की गई है। वैसे 331 पूल में सैंपल लिए गए हैं। शनिवार को जिन इलाकों से नए केस रिपोर्ट हुए हैं उनमें चमनगंज, शांति नगर, पोखरपुर, हरबंश मोहाल और ककवन शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग की 131 टीमों ने मछलीवाला हाता ग्वालटोली, हनुमंत नगर, किदवई नगर, ओमपुरवा, बर्रा, दर्शनपुरवा आदि इलाकों में भ्रमण किया। यहां लगभग आठ हजार से अधिक घरों तक टीम पहुंची है। सीएमओ डॉ. अशोक शुक्ला के मुताबिक पूल टेस्टिंग से फायदा होगा। इससे कांटेक्ट ट्रेसिंग आसानी से पकड़ी जा सकती है। नमूने लेने की संख्या अभी और बढ़ेगी।

डफरिन से डिस्चार्ज होने के बाद दो महिलाएं पॉजिटिव

डफरिन अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद दो महिलाओं की पॉजिटिव रिपोर्ट से एक बार फिर अस्पताल के एक वार्ड को बंद करना पड़ा। एक महिला बाबपुरवा की हैं जिनका प्रसव हुआ है दूसरी फजगंज की जो सामान्य बीमारियों से पीड़ित होकर अस्पताल में भर्ती कराई गई थीं। निदेशक डॉ. वीबी सिंह के मुताबिक यह समस्या खड़ी हो गई है। रोजाना वार्ड को बंद करना पड़ रहा है।

उर्सला जांच में पॉजिटिव, हैलट भेजा

उर्सला अस्पताल में भर्ती कराए गए मछरिया निवासी एक सांस रोगी को कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट मिलने के बाद मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल रेफर किया गया है। सीएमएस डॉ. शैलेन्द्र तिवारी के मुताबिक ट्रेनाट मशीन से जांच की गई, दरअसल मरीज को आईसीयू में भर्ती करना था इसलिए जांच कराई थी। इमरजेंसी को सेनेटाइजर करके दोबारा रात में खोला गया है।

चकेरी में नर्सिंग होम में भर्ती महिला निकली पॉजिटिव

पुलिस चौकी के पास स्थित नर्सिंगहोम में भर्ती महिला शनिवार को कोरोना पॉजिटिव निकली। स्वास्थ्य विभाग की टीम को बुलाकर उसे हैलट भिजवाया। साथ ही नर्सिंग होम बंद कराया गया। पुलिस के मुताबिक फेथफुलगंज निवासी 28 वर्षीय महिला बीते शुक्रवार की शाम को पेट में दर्द की शिकायत के चलते नर्सिंग होम में भर्ती हुई थी। महिला की कोरोना जांच भी कराई गई। शनिवार को रिपोर्ट आने पर वह पॉजिटिव निकली। चौकी प्रभारी ने बताया कि जिस कमरे में महिला भर्ती थी। उसे सील कर दिया है। साथ ही नर्सिंग होम में भी रस्सा लगाकर बंद कर मरीजों का प्रवेश रोक दिया है। उन्होंने बताया कि नर्सिंग होम के स्टाफ को क्वारंटीन कराया जाएगा।

लोन कराने पहुंचे टेनरी मालिक से संक्रमित हुए बैंक अफसर

पंजाब नेशनल बैंक पांडु नगर के बैंक अफसर लोन कराने आए टेनरी मालिक से संक्रमित हुए थे। कांटेक्ट ट्रेसिंग से यह बात सामने आई है। अब बैंक के सभी कर्मचारियों की सैंपलिंग किया जा रहा है। काकादेव थाना प्रभारी ने बताया कि पीएनबी पांडु नगर के बैंक अफसर पॉजिटिव हैं। जांच के दौरान सामने आया है कि उनके पास डिफेंस कॉलोनी में रहने वाले टेनरी मालिक लोन के सिलसिले में मिले थे। इस दौरान दोनों लोग एक ही केबिन में आधे घंटे से ज्यादा का समय बिताया और लंबी बातचीत हुई थी। 9 जून को टेनरी मालिक के संक्रमित होने की खबर मिली तो बैंक अफसर ने खुद को क्वारंटीन करने के साथ ही जांच कराई थी। बैंक के सभी कर्मचारियों की जांच हो रही है।

तीन कोरोना संदिग्धों की मौत, जांच को भेजे सैंपल

हैलट इमरजेंसी और होल्डिंग एरिया में मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। शनिवार को तीन कोरोना संदिग्धों की 24 घंटे में मौत हुई है। उनके सैंपल लेकर मेडिकल कॉलेज की कोरोना लैब में भेजे गए हैं। शवों को मॉर्च्युरी में रखवा दिया गया है। हैलट इमरजेंसी में बांदा के 26 वर्षीय, डेरापुर के 40 साल के और फतेहपुर की 30 साल की युवती ने दम तोड़ दिया। तीनों को बुखार और सांस की दिक्कत रही इसलिए सभी का नमूना लिया गया है। परिजनों को शव नहीं दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही शवों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था की जाएगी। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. आरबी कमल का कहना है कि डॉक्टरों की पहली प्राथमिकता नॉन कोविड मरीजों की जान बचाना है। मौतें पहले से कम हो गई हैं। ज्यादातर मरीज कोमोरबिड स्थिति में आ रहे हैं इसलिए उनकी जान जा रही है। मरीज समय से अस्पताल आ जाएं तो मौतों को रोकना आसान हो जाएगा।

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