Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़कानपुरPind Daan Rituals Begin at Devayani Sarovar in Kanpur Dehat

देवयानी सरोवर में पिंड़दान के लिए लोगों का आना शुरू

कानपुर देहात के मूसानगर में देवयानी सरोवर में पिंडदान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी है। पितृ पक्ष में गया जाने से पहले यहां पहला पिंडदान किया जाता है। बुधवार को कई परिवारों ने अपने पूर्वजों के...

Newswrap हिन्दुस्तान, कानपुरWed, 18 Sep 2024 04:43 PM
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कानपुर देहात/मूसानगर। छोटी गया के नाम से प्रसिद्ध कस्बे के देवयानी सरोवर में पिंडदान के लिए लोगों का आना शुरू हो गया है। यमुना के उत्तरगामिनी होने से यहां प्रथम पिंड दान का खास महत्व है। पितृ पक्ष में गया बिहार जाने से पहले यहां प्रथम पिंडदान किया जाता है। बुधवार को फतेहुपर हमीरपुर से आए तीन परिवारों ने यहां आकर पौराणिक देवयानी सरोवर में पितरों की श्राद्ध व पिंडदान किया। पित्रपक्ष शुरू होते ही मूसानगर कस्बे के ऐतिहासिक देवयानी सरोवर में श्रद्धा व तर्पण का सिलसिला शुरू हो गया है। पितृ पक्ष में गया में श्राद्ध के लिए जाने के पहले जिले के साथ ही आसपास के जनपदों से बड़ी संख्या में लोग प्रथम पिंडदान के लिए यहां आते हैं। बुधवार को कुरारा हमीरपुर के राकेश गुप्ता व रामसनेही गुप्ता तथा जहानाबाद फतेहपुर के विश्वनाथ ने यहां आकर पूर्वजों के लिए तर्पण व श्राद्ध की। श्राद्ध कराने वाले आचार्य उमा शंकर पाठक व सुमित तिवारी ने विधि विधान से पिंडदान व श्राद्ध कर्म संपन्न कराया।

क्यों जरूरी होता पितरों को पिंड दान

मूसानगर के देवयानी सरोवर में पिंडदान कराने वाले आचार्य , अभिनव पाठक ने बताया कि गया बिहार श्राद्ध के लिए जाने से पूर्व प्रथम पिंडदान के लिए लोग यहां आते हैं। उनका कहना है कि पिंडदान जीव की मोक्ष प्राप्ति के लिए सरल मार्ग है। पूर्वजों का पूजन कर श्राद्ध और तर्पण करने से वह तृप्त हो जाते हैं। माना जाता है यहां प्रथम पिंडदान के बाद जब व्यक्ति गया बिहार या बद्रीनाथ धाम में पिंडदान कर देते हैं तो पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। इसके बाद उनको श्राद्ध कर्म नहीं करना पड़ता है।

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