उपलब्धि: नए पनकी पावर प्लांट में पहली बार बनी 58 मेगावाट बिजली
पनकी स्थित सुपर क्रिटिकल पॉवर प्लांट ने 660 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाले से मंगलवार को 4:11 बजे पहली बार 58 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया।
660 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाले पनकी स्थित सुपर क्रिटिकल पॉवर प्लांट से मंगलवार सुबह 4:11 बजे पहली बार 58 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया गया। इस सफल ट्रायल में तेल (लाइट डीजल ऑयल) से बिजली बनाकर ग्रिड पर भेजी गई। इस सफलता पर इंजीनियरों ने एक दूसरे का मुंह मीठा कराया। सितंबर में इस प्लांट से कोयले से बिजली उत्पादन (कोल फायरिंग) शुरू कराकर बिक्री शुरू की जाएगी। 6719 करोड़ रुपये की लागत से बने इस संयंत्र की आधारशिला आठ मार्च 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी। 48 महीने में इसे बनाने का लक्ष्य था लेकिन कोरोना काल में श्रमिकों के न होने और माल की आवाजाही पर रोक होने की वजह से करीब एक साल की देरी हुई है।
1967 में पहली बार बनी थी बिजली
पनकी के पॉवर प्लांट में 1967 में 32 मेगावाट की बिजली उत्पादन इकाई से पहली बार बिजली बनना शुरू हुई थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसका उद्घाटन किया था। इसके बाद 32 मेगावाट की दो अन्य इकाइयां स्थापित हुईं। 1977 में 110 मेगावाट की दो नई इकाइयों से बिजली बनना शुरू हुई। पनकी पॉवर हाउस कहे जाने वाले इस प्लांट से 2018 में उत्पादन पूरी तरह से बंद कर दिया गया। 2019 में 660 मेगावाट क्षमता का पॉवर प्लांट बनना शुरू हो गया।
घाटमपुर प्लांट से तीन साल तेज पूरा हुआ काम
पनकी पॉवर प्लांट कोरोना काल की वजह से भले ही करीब एक साल देरी से पूरा हुआ हो लेकिन अपनी समकालीन परियोजनाओं में सबसे अग्रणी साबित हुई है। घाटमपुर पॉवर प्लांट में 2016 में 660 मेगावाट की तीन इकाइयां बनना शुरू हुई थीं। इसमें 660 मेगावाट की एक इकाई का नवंबर में ऑयल सिंक्रोनाइजेशन हो चुका है। तीन साल बाद भी घाटमपुर परियोजना के साथ सितंबर में इससे कोयले से बिजली बनना शुरू हो जाएगी। घाटमपुर में नेयवेली लिग्नाइट पॉवर प्लांट के जीएम कौशिका ने बताया कि सितंबर में एक इकाई से कोल फायरिंग होगी। इसके साथ ही दो अन्य इकाइयां भी लगभग तैयार हो चुकी हैं।
48 घंटे की लगातार निगरानी के साथ बनी बिजली
पनकी पॉवर प्लांट का ब्वॉयलर चार अगस्त 2024 को लाइटअप होने के बाद सभी टेस्टिंग और प्रोटेक्शन के बाद बिजली का उत्पादन हुआ। प्लांट के मुख्य महाप्रबंधक जीके मिश्र लगातार कंट्रोलरूम में मौजूद रहे। जीएम ने बताया कि यह एक बड़ी उपलब्धि है। अगले महीने कोयले से बिजली बनाना शुरू कर देंगे। ऑयल सिंक्रोनाइजेशन से टरबाइन, ब्वॉयलर, डीटी समेत सभी मशीनरी का सफल परीक्षण हो गया।
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