Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़कानपुरOngoing DAP Fertilizer and Seed Shortage Causes Farmer Distress in Rasulabad

जनपद में खाद व बीज के लिए हो रही मारामारी

रसूलाबाद जिले में डीएपी खाद और बीज की किल्लत जारी है। किसानों की भीड़ खाद और बीज के लिए लंबी लाइन में लगने के बावजूद खाली हाथ लौट रही है। अधिकारी किसानों को संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रहे हैं। प्राइवेट...

Newswrap हिन्दुस्तान, कानपुरThu, 14 Nov 2024 06:12 PM
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रसूलाबाद, संवाददाता। जिले में डीएपी खाद व बीज की किल्लत कम नहीं हो रही है। गुरुवार को कहिंजरी व उसरी समिति पर खाद आने की जानकारी पर सैकड़ों किसानों की भीड़ पहुंच गई। लाइन में घंटों लगने के बाद भी बैरंग वापस लौटना पड़ा।

अधिकारियों के तमाम दावों के बाद भी डीएपी खाद व बीज की किल्लत लगातार जारी है। रसूलाबाद कस्बे के बीज भंडार पर कई दिनों से गेहूं का बीज नहीं है। कृषि विभाग के अधिकारी लक्ष्य न होने की बात कहकर किसानों को टरका रहे हैं। इसी प्रकार डीएपी खाद के लिए भी किसान मारे-मारे घूम रहे हैं। गुरुवार को उसरी व कहिंजरी समिति पर खाद आने की जानकारी किसानों को हुई तो वहां भीड़ जमा हो गई। सैकड़ों किसानों का मजमा देखकर पुलिस को बुलाना पड़ा। उसरी में विवाद के बाद वितरण बंद कर दिया गया। कहिंजरी में बनीपारा से भी कई किसान पहुंचे। दर्जनों किसान लाइन में लगे रहे लेकिन उन्हें बिना खाद के लिए ही लौटना पड़ा। डीएपी की किल्लत से प्राइवेट बाजार में दाम सत्रह सौ तक पहुंच गए हैं। प्राइवेट दुकानों पर बीज लेने पर ही डीएपी खाद किसानों को दी रही है।

रैपालपुर समिति पर भी उमड़ा किसानों का सैलाब

शिवली,संवाददाता।

शिवली कस्बा समेत मैथा क्षेत्र के अंतर्गत संचालित सहकारी केंद्रों पर डीएपी खाद न होने से किसान परेशान हैं।

क्षेत्र के रैपालपुर व नुनारी बहादुरपुर गांव में संचालित सहकारी समितियों पर खाद उपलब्ध हैं वहां जिम्मेदार लोंगों द्वारा डीएपी खाद अपने चहेते व पहुंच वाले लोंगों को गुपचुप तरीके से समय बेसमय दी जा रही है। जबकि अन्य किसानों को घंटो लाइन में लगने के बावजूद भी एक दो बोरी बोरियां खाद देकर टरकाया जा रहा है जिससे किसान परेशान है। वहीं किसानों की इस समस्या को देखते हुए प्राइवेट दुकानदार कालाबाजारी कर रहे हैं। जबकि बाघपुर गौरी, शोभन, बहलवापुर समेत अन्य गांवों में संचालित सहकारी समितियों पर विभागीय दावों के बाबजूद भी डीएपी खाद उपलब्ध नहीं हैं। किसान महेश कुमार ने बताया कि इस समय लाही,धनिया, सरसों, मटर के साथ ही गेंहू का सीजन है। इसके लिए डी ए पी खाद की बहुत जरूरत है। समितियों पर डीएपी खाद न मिलने के कारण किसान पेशोपेश में है।

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