मिशन शक्ति : कानपुर में सिलाई-कढ़ाई के हुनर ने शुभ्रा को बनाया महिलाओं का रोल मॉडल
शुभ्रा चटर्जी के संकल्प से खुद शुभ्रा की जिंदगी की राह आसान होने के साथ दूसरों का जीवन निर्वाह भी सहज हो गया। सिलाई-कढ़ाई से शुरू कर विभा आज कई तरह के उत्पाद तैयार करती हैं। एमएसएमई से मदद मिलने के...
शुभ्रा चटर्जी के संकल्प से खुद शुभ्रा की जिंदगी की राह आसान होने के साथ दूसरों का जीवन निर्वाह भी सहज हो गया। सिलाई-कढ़ाई से शुरू कर विभा आज कई तरह के उत्पाद तैयार करती हैं। एमएसएमई से मदद मिलने के बाद इन्होंने कई महिलाओं को रोजगार की रहा दिखाई। एक तरह से शुभ्रा कानपुर में महिलाओं के लिए रोल मॉडल बन चुकी हैं।
शुभ्रा के प्रोडक्ट की मांग विदेशों में भी
शिवाजी नगर की रहने वाली शुभ्रा चटर्जी ने बताया कि मेरे पास एक सिलाई की मशीन थी। इससे झोले, फ्राक, छोटे बच्चों के कपड़े आदि बनाकर बाजार में सप्लाई करना शुरू किया। धीरे-धीरे तीन सिलाई मशीन लेकर बुटीक तैयार किया फिर एमएसएमई से मदद मिली तो तरक्की की नई राह खुल गई। वहां अपने प्रोडक्ट को प्रमोट करने के साथ प्रदर्शनी में स्टॉल लगाया।
कोरोना काल में पीपीई किट बनानें लगीं
एमएसएमई की मदद से उन्हें एक्सपोर्ट लाइसेंस मिला और अब उनके उत्पाद विदेशों में धूम मचा रहे हैं। इसके बाद बड़ी-बड़ी मशीनें लेकर स्कूलों की यूनफॉर्म आदि बनाने का काम शुरू किया। इसमें उन्होंने महिलाओं को रोजगार भी दिया। कोविड के दौरान टीम शुभ्रा स्कूल यूनार्फाम से हटकर पीपीई किट बनाकर प्रधामंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान में शामिल होकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई में शामिल हो गईं।
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