शहीद मातादीन और गंगू बाबा की जयंती मनाई
शहीद मातादीन और गंगू बाबा की जयंती मनाई शहीद मातादीन और गंगू बाबा की जयंती मनाई शहीद मातादीन और गंगू बाबा की जयंती मनाई
कानपुर। शहीद शिरोमणि मातादीन जन्मोत्सव समिति ने रविवार को प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के प्रथम क्रांतिकारी शहीद मातादीन और अमर शहीद गंगू बाबा की जयंती मनाई। जीआईसी के निकट आयोजित समारोह में मुख्य वक्ता पटियाला से आए प्रोफेसर हर्नेक सिंह ने कहा कि 1857 की क्रांति मातादीन ने शुरू की थी। उन्होंने ही अंग्रेज सिपाही मंगल पांडे को कारतूस में चर्बी की बात बताई थी। इसकी वजह से अंग्रेजों ने शहीद मातादीन को फांसी की सजा दी। अर्थदर्शी बीआर तिलक ने कहा कि गंगू बाबा ने 300 से अधिक अंग्रेजों को चुन्नीगंज के तालाब में डुबो के मार डाला था। अंग्रेजों ने उनको चुन्नीगंज में पेड़ से लटका कर फांसी दी थी। वहीं उनकी प्रतिमा स्थापित है। यहां जेपी वाल्मीकि, चमन खन्ना, निलेश भारतीय, कमल कुमार, भारतीय वाल्मीकि, हरीओम वाल्मीकि, प्रियॉन्शु चौधरी, रमेश, सचिन ढींगिया, केके हंस, सुधा, राज नारायण बौद्ध, मोतीलाल बौद्ध, मनोज वाल्मीकि, विक्रान्त अंबेडकर, राजेश अंबेडकर, शेखर भारतीय आदि मौजूद थे।
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