Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़कानपुरLivelihood crisis in front of vendors providing food to passengers

यात्रियों को खानपान मुहैया कराने वाले वेंडरों के सामने रोजी-रोटी का संकट

यात्रियों को खानपान मुहैया कराने वाले वेंडरों के सामने रोजी-रोटी का संकट

Newswrap हिन्दुस्तान, कानपुरTue, 28 April 2020 09:14 PM
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लॉकडाउन में ट्रेनों के बंद होने से खानपान उपलब्ध कराने वाले वेंडर के सामने रोजी रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है। ट्रेनों में पानी व खानपान की चीजें बेचकर परिवार का भरण-पोषण करने वाले इन वेंडरों के सामने रोजगार की समस्या खड़ी हो गई है। साथ ही कैंटीन संचालकों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। दुकानों पर रखा सामान भी खराब हो रहा है।

जनपद में रूरा, झींझक, मैथा व भाऊपुर रेलवे स्टेशन है। उक्त रेलवे स्टेशनों पर कई एक्सप्रेस, सुपर फास्ट व पैसेंजर ट्रेनों का ठहराव है। साथ ही कई ब्लॉक हट पर भी पैसेंजर ट्रेनें रुकती है। इन रेलवे स्टेशनों पर खानपान की सुविधा उपलब्ध है। इसमें कई वेंडर कार्य करते हैं। रूरा रेलवे स्टेशन में एक वर्ष से कैंटीन बंद होने से संचालक मोनू तिवारी विभाग से परमीशन लेकर खानपान व पानी की सप्लाई कराते हैं। इसमें करीब 6 वेंडर कार्य करते थे। झींझक रेलवे स्टेशन में भी विभाग की अनुमित पर करीब 3 वेंडर खानपान की आपूर्ति करते थे। मैथा व भाऊपुर रेलवे स्टेशन में एक-एक कैंटीन होने के साथ चार वेंडर कार्य करते थे। लॉकडाउन में यात्री ट्रेनों का संचालन बंद होने से संचालक व वेंडरों के सामने समस्या खड़ी हो गई है। ट्रेनों में खानपान व पानी की सप्लाई से अच्छी कमाई करने वाले वेंडर इस समय तंगहाली में जीवन यापन कर रहे हैं। वेंडर अमित शुक्ला, आशीष, मोनू व सुमित ने बताया कि 15 अप्रैल के बाद लॉकडाउन खुलने से ट्रेनों के संचालन की उम्मीद थी, लेकिन सरकार ने अवधि बढ़ा दी। अब तीन मई के बाद भी लॉकडाउन पर संशय बना हुआ है। इससे परिवार चलाने में दिक्कत आ रही है। दुकानों में रखा सामान भी खराब हो रहा है। इस समय कहीं रोजगार मिलना भी मुश्किल हैं। इससे आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं हो रही है।

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