कानून को बेहतर ढंग से समझना करदाताओं के लिए जरूरी
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कानपुर। द इंस्ट्टीयूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की सेंट्रल इंडिया रीजनल कौंसिल ने केसीएमएस सीपीई स्टडी सर्किल ऑफ सीआईआरसी के साथ दो दिवसीय कुंभ ऑफ नॉलेज का शुभारंभ हुआ। शुक्रवार को लखनपुर स्थित सभागार में पहले दिन कर विशेषज्ञ, अर्थशास्त्री, उद्यमियों ने सहभागिता निभाई। रीजनल काउंसिल के सदस्य अकुंर गोयल, अभिलाष बाजपेई, सीए अतुल मेहरोत्रा ने शुभारंभ किया। दिल्ली से आए सेंट्रल काउंसिल के सदस्य सीए प्रमोद जैन ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रोपायटरशिप और पार्टनरशिप के लिए वित्तीय विवरणों की तैयारी और प्रस्तुति के प्रारूप बदल गए हैं। आशंका जताई जा रही है कि सीए के अलावा अन्य पेशेवर भी सीबीडीटी को प्रतिनिधित्व दे रहे हैं। उन्हें नए इनकम टैक्स बिल के तहत कर ऑडिट करने की अनुमति दी जाए। दूसरे सत्र में सीए दविंदर सिंह ने कहा कि जीएसटी कानून को सही तरीके से समझना और लाभ उठाना करदाताओं के लिए जरूरी है। उन्होंने एमनेस्टी योजना के बारे में जानकारी दी। नवल कपूर, संदीप सरावगी, अतुल मेहता, शिवम सिंह, नरेंद्र कपूर, दीपक कपूर, राकेश स्याल आदि मौजूद रहे।
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