इंद्र का मान मर्दन करने के लिए हुई थी गोवर्धन लीला
Kanpur News - शुक्रवार को सरगांव बुजुर्ग में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में आचार्य नयन त्रिपाठी ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन धारण कर इंद्र का मान मर्दन किया। कथा में मानव के कल्याण, धैर्य और गो संरक्षण का...

रूरा, संवाददाता। देवराज इंद्र का मान मर्दन करने व गो संरक्षण के लिए भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन धारण की लीला की थी। शुक्रवार को सरगांव बुजुर्ग में चल रही श्रीमद् भागवत कथा सुनाते हुए आचार्य ने यह बात कही। इस मौके पर भगवान की बाल लीलाओं का वर्णन सुन श्रोता भाव विभोर हुए।
सरगांव बुजुर्ग में चल रही श्रमद भागवत कथा में शुाक्रवार को आचार्य नयन त्रिपाठी ने कहा कि मानव का कल्याण परमात्मा की शरण में आए बिना संभव नही है। भागवत कथा मर्यादा व शुद्ध आचरण जीना सिखाती है। विपरीत परस्थितियिों में धैर्य पूर्वक सामना करने से ही संकट दूर हो जाते है। उन्होंने कहा कि काम, क्रोध, लोभ, मोह व अहंकार ही शरीर के शत्रु हैं। भक्ति व सत्संग के प्रभाव से इन पर नियंत्रण व धर्म, अर्थ, काम तथा मोक्ष की प्राप्ति के साथ ही सहज मुक्ति संभव है। इस मौके पर उन्होने पूतना वध, अघासुर, बकासुर का वध के प्रसंग का भाव पूर्ण वर्णन किया। जबकि कालिया नाग से मुक्ति व गोवर्धन पूजा प्रसंग सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर किया। उन्होने कहाि क इंद्र को अभिमान होने के कारण भगवान श्री कृष्ण ने गोकुल में उनकी पूजा बंद करा दी थी। इससे कुपित इं्रद ने मेघों को गोकुल को बहाने का आदेश दिया,लेकिन भगवान ने गोवर्धन धारण कर गोकुल वासियों की रक्षा के साथ ही इंद्र का मान मर्दन किया।कथा के माध्यम से गो संरक्षण का संदेश व धैर्य तथा एकजुटता से हर स्थिति का सामना करने की शिक्षा दी। इस मौके पर राम कुमार यादव ,पूतन दुबे,कुलदीप यादव आदि तमाम लोग मौजूद रहे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।