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सर्दी शुरू होते ही कानपुर देहात के रैन बसेरे कराए गए चाकचौबंद

कानपुर देहात में सर्दियों में बेसहारा और राहगीरों को ठंड से बचाने के लिए रैन बसेरों की व्यवस्थाएं चाक चौबंद की जा रही हैं। एडीएम न्यायिक के निर्देश पर बिस्तर, कंबल, पानी और प्राथमिक इलाज की दवाएं...

Newswrap हिन्दुस्तान, कानपुरSun, 24 Nov 2024 09:19 AM
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कानपुर देहात। सर्दी शुरू होते ही बेसहारा व राहगीरों को सर्दी से बचाने की कवायद शुरू हो गई है। इसी क्रम में एडीएम न्यायिक के निर्देश के बाद नगर निकायों में बने रैन बसेरों में सभी व्यस्थाएं चाक चौबंद कराने की क़वायद तेज हो गई है, जबकि कुछ स्थानों पर व्यवस्था दुरुस्त भी करा दी गईं। शासन से मनोरोगियों व बेसहारा लोगों तथा राहगीरों को सर्दी से बचाने के लिए निर्देश जारी किए हैं। इसी क्रम में पिछले सप्ताह नगर निकायों के प्रभारी एडीएम न्यायिक अमित राठौर ने नगरीय क्षेत्रों में चिन्हित रैन बसेरों में बिस्तर, कंबल, रजाई व गद्दे, पानी, शौचालय, स्नानागार के अलावा सर्दी में होने वाली बीमारी के प्राथमिक इलाज की दवाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद अधिशाषी अधिकारियों ने रैन बसेरों का निरीक्षण कर व्यवस्थाये चाक चौबंद कराने की क़वायद तेज की है। जिला अस्पताल परिसर में संचालित अकबरपुर नगर पंचायत के रैन बसेरा तो पहले से ही संचालित था, लेकिन राजपुर, पुखराया, झींझक के रैन बसेरों का निरीक्षण कर अधिशाषी अधिकारियों ने रैन बसेरे की व्यवस्थाये दुरुस्त कराई, जबकि अन्य नगर निकायों में भी रैन बसेरे क्रियाशील करने की क़वायद तेज हुई है । कुछ नगर निकायों में अनुपयुक्त स्थानों पर रैन बसेरा बने होने से जहां लोगों को इनका पता ही नहीं चलता है वहीं झींझक सहित रेलवे स्टेशनों के पास रैन बसेरे नहीं होने से रात की रेल गाड़ियों से उतरने वाले सर्दी में ही यात्रा करने को मजबूर होते हैंल एडीएम न्यायिक ने बताया कि सभी रैन बसेरों को क्रियाशील करा दिया गया है। चौराहों के साथ ही सार्वजनिक स्थलों पर रैन बसेरा का स्थान व केयर टेकर के नंबर भी लिखवाने के निर्देश दिए गए हैं।

अस्पतालों में बने रैन बसेरा उपयोगहीन

अकबरपुर जिला महिला अस्पताल का मैटरनिटी विंग में संचालन के बाद यहां बना रैन बसेरा इस समय उपयोगहीन हो गया है। जबकि अकबरपुर सीएचसी परिसर के रैन बसेरा अभी तालाबंदी का शिकार है। झींझक सीएचसी का रैन बसेरा वीरान पड़ा है, इसी तरह पुखरायां सहित अधिकांश स्वास्थ्य केंद्रों के रैन बसेरा भी बदहाली के शिकार हैं। इससे मरीजों के साथ आने वाले तीमारदारों को इनका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

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