एनजीओ व निजी सेक्टर के भरोसे कानपुर देहात में अंधता निवारण कार्यक्रम
Kanpur News - कानपुर देहात में अंधता नियंत्रण कार्यक्रम का कार्य एनजीओ और निजी क्षेत्र पर निर्भर है। इस साल 22,338 नेत्र आपरेशन का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन सरकारी क्षेत्र में केवल 11 आपरेशन हुए हैं। 14 एनजीओ और नौ...
कानपुर देहात। जिले में राष्ट्रीय अंधता नियंत्रण कार्यक्रम का दारोमदार एनजीओ व निजी क्षेत्र पर निर्भर है। शासन से इस बार कोरोना काल का बैकलॉग पूरा करने के लिए जिले को इस साल 22338 नेत्र आपरेशन का लक्ष्य आवंटित किया गया है, लेकिन संसाधनों की कमी मानें या लापरवाही सरकारी सेक्टर में लक्ष्य 4468 के सापेक्ष अभी तक सिर्फ 11 आपरेशन ही हो पाए हैं। जनपद में अंधाता निवारण कार्यक्रम के तहत हर साल 9228 नेत्र आपरेशन के लक्ष्य दिया जाता है, लेकिन इस साल कोराना काल का बैकलॉग पूरा करने के लिए जिले को 22,338 आपरेशन का लक्ष्य दिया गया। इसमें सरकारी सेक्टर में 4468, एनजीओ को 4468 व निजी सेक्टर से 13402 नेत्र अपरेशन कराए जाने हैँ, लेकिन दिसंबर माह तक जिले में मात्र 6373 नेत्र आपरेशन हो पाए हैं। इनमें सरकारी सेक्टर में 11 आपरेशान ही हो पाए हैं, जबकि यहां कार्यरत 14 एनजीओ के माध्यम से 5323 व निजी नौ अस्पतालों में 1039 नेत्र आपरेशन शामिल हैं। वहीं लक्ष्य में शामिल 15965 लोगों को आखों की रोशनी वापस पाने का अभी इंतजार है।
हर सर्जन को साल में सात सौ आपरेशन करने का है लक्ष्य
शासन से तय मानक के अनुसार सरकारी सेक्टर में तैनात प्रत्येक नेत्र सर्जन को साल भर में सात सौ आपरेशन करने का लक्ष्य निर्धारित है।मेडिकल कालेज से संबद्ध जिला अस्पताल में इस समय नेत्र अनुभाग में प्रो.संजीव रोहतगी, एसआर डॉ. इला व वरिष्ठ परामर्श दाता डॉ. जयवर्धन के अलावा एक जेआर संबद्ध है,लेकिन अभी तक यहां एक भी नेत्र आपरेशन नहीं हो पाया है। डॉक्टरों का कहना है कि माइक्रास्कोप व उपकरण नहीं होने से आपरेशन का काम बाधित है। लेकिन अकबरपुर सीएचसी में तैनात नेत्र सर्जन मालिनी बोहरा ने एक व रसूलाबाद सीएचसी में तैनात डॉ. प्रियंका ने 10 नेत्र आपरेशन कर पाए हैं। ऐसे में सरकारी सेक्टर में लक्ष्य हासिल हो पाने पर सवालिया निशान लगा है।
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