फाइलों में कैद होकर रह गई औद्योगिक क्षेत्र रनियां की ड्रेन योजना
Kanpur News - कानपुर देहात के औद्योगिक क्षेत्र रनियां में 29 साल पहले शुरू की गई ड्रेन योजना अब भी फाइलों में ही कैद है। लाखों रुपये जमा होने के बावजूद, प्रशासनिक लापरवाही के कारण इसका निर्माण नहीं हो सका है। गंदे...
कानपुर देहात। औद्योगिक क्षेत्र रनियां में स्थापित फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषित पानी के समुचित निस्तारण के लिए 29 साल पहले बनी रनियां ड्रेन की योजना फाइलों में ही कैद हो कर रह गई है। इसके निर्माण पर आने वाले खर्च के लिए एकत्र धनराशि भी लाखों से करोड़ों में पहुंच गई है। बावजूद इसके प्रशासनिक अधिकारियों की ढुलमुल नीति से इस योजना को मूर्त रूप नहीं दिया जा सका है। रनियां को 1980 के दशक में औद्योगिक क्षेत्र का दर्जा मिला था, इसके बाद यहां पर धड़ाधड़ औद्योगिक इकाइयों की स्थापना हुई। इसमें ऐसे उद्योग भी लगे जिनसे उपयोग के बाद प्रदूषित पानी भी भारी तादाद में बहने लगा। लेकिन औद्योगिक क्षेत्र में सड़क किनारे जल निकासी का नाला नही होने से गंदा पानी आसपास की खाली पड़ी जमीनों तथा किसानों के खेतों तक भरने लगा। वर्ष 1995 में तत्कालीन डीएम ने विभिन्न विभागों सहित तमाम उद्यमियों के साथ बैठक कर यहां पर ड्रेनेज सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए नाले का निर्माण कराने की योजना बनाई थी। इसमें उद्योगों से निकलने वाले पानी को रायपुर के पास से निकली रिंद नदी में डालने की बात तय हुई थी। इसके बाद धंजुआ पहाड़पुर मार्ग पर जमीन खरीदकर वहां जल शोधन संयंत्र लगाने की योजना बनाई गई थी। इसके बाद यह महात्वाकांक्षी योजना ठंडे बस्ते में चली गई, इससे फैकत्रियों का गंदा पानी औद्योगिक क्षेत्र में मुसीबत बना है।
ढाई दशक से जमा है तीन विभागों के 15 लाख और 21 उद्यमियों के 20 लाख रुपये
ढाई दशक पहले पहले यूपीएसआईडीसी,लघु उद्योग निगम व नहर विभागके अलावा 21 उद्यमियों ने रनियां ड्रेन के निर्माण के लिए करीब 34 लाख रुपये एकत्रित किय था। लेकिन इस योजना के शुरू नहिन्दू हो पाने पर रनियां इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट फंड में उपायुक्त उद्योग तथा रनियां इंडस्ट्रियल एरिया के चेयरमैन के संयुक्त हस्ताक्षर से यह धनराशि एफडी करा दी गई थी। मौजूदा समय में उक्त धनराशि करीब डेढ़ करोड़ रुपये तक पहुंच गई है, लेकिन ड्रीनेज़ निर्माण पर अभी तक फैसला नहीं हो सका है।
मुख्य सचिव के निर्देश के बाद भी नहीं बनी डीपीआर
नवंबर 2019 में लखनऊ में आयोजित राज्य स्तरीय उद्योग बंधु की बैठक में रनिया ड्रेन का लंबित मुद्दा उठाया गया था। बैठक में मौजूद मुख्य सचिव ने कमिश्नर कानपुर को रनियां क्षेत्र में ड्रेनेज सिस्टम की व्यवस्था के लिए डीपीआर तैयार करवाकर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था लेकिन पांच साल बीतने व तमाम सर्वे और बैठकों के बाद भीकोई नतीजा नहीं निकल सका।
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