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योजनाएं तो बनीं पर माती मुख्यालय नहीं बन सका शहर

Kanpur News - कानपुर देहात के माती को शहर बनाने का सपना अब तक पूरा नहीं हो सका है। केडीए ने पिछले 30 वर्षों में माती का विकास नहीं किया। विकास प्राधिकरण और वृहद नगर पालिका के प्रस्ताव शासन की मंजूरी का इंतजार कर...

Newswrap हिन्दुस्तान, कानपुरTue, 7 Jan 2025 10:02 AM
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कानपुर देहात। जिला मुख्यालय माती को शहर बनाने की जिम्मेदारी संभाले केडीए तीस साल में भी माती को शहर के रूप में विकसित नहीं कर सका। जबकि माती को शहर के रुप में विकसित करने के लिए पृथक विकास प्राधिकरण (एमडीए) बनाने व वृहद नगर पालिका बनाने के प्रस्तावों को भी शासन की मंजूरी नहीं मिल सक। इससे माती के शहर बनने का सपना अभी तक पूरा नहीं हो सका। ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए 25 अप्रैल 1981 को कानपुर नगर से दूसरी बार पृथक होकर जिला अस्तित्व में आया था।11 अप्रैल 1994 को माती में जिला मुख्यालय बनाने के साथ ही माती को मॉडल टाउन के रूप में विकसित करने के लिए अकबरपुर तहसील के 109 गांव केडीए के आधीन कर विकास की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसके बाद केडीए की अकबरपुर माती महायोजना 2021 को वर्ष 2005 में शासन से अनुमोदन भी हुआ, लेकिन इस पर काम शुरू नहीं हो सका। वर्ष 2013 में जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप पर तत्कालीन मंडलायुक्त ने माती मुख्यालय पर जिला प्रशासन के साथ ही केडीए व आवास विकास अफसरों की संयुक्त बैठक में विकास की कार्ययोजना तैयार कराई, लेकिन इसपर भी अमल तो दूर केडीए अफसर अकबरपुर में खोले गए दफ्तर का भी ठीक से संचालन नहीं करा सके।

माती के विकास को एमडीए के गठन का अभी तक इंतजार

केडीए के विकास में रुचि न लेने पर 27 जनवरी 2015 को माती विकास प्राधिकरण के गठन का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। इसमें नगर पंचायत अकबरपुर के अलावा अकबरपुर तहसील के 156 गांवों व भोगनीपुर तहसील के मांवर गांव को शामिल किया गया था। जिले से निरंतर पत्राचार के बाद भी प्रस्ताव शासन में लंबित पड़ा है।फरवरी 2021में बिना विकास प्राधिकरण वाले जिलों से शासन से ङ्मप्रस्ताव मांगे जाने पर 2015 में भेजे गए प्रस्ताव का हवाला देकर माती विकास प्राधिकरण गठन को नया प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है, लेकिन उसको भी मंजूरी नहीं मिल सकी।

वृहद नगर पालिका बनाने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी का इन्तजार

जनपद में कोई विकास प्राधिकरण न होने के कारण यहां पर कोई मास्टर प्लान तक नहीं है। इसके चलते नियोजित तरीके से विकास के लिए गत वर्ष हो नगर पंचायत अकबरपुर व रनियां को मिलाकर एक वृहद नगर पालिका बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था, इसमें जगजीवनपुर, बनारअलीपुर, दस्तमपुर, बारा, स्वरुपपुर,जैनपुर,मंगोलपुर, सीधामऊ, कंधिया, जलालपुर नागिन,पातेपुर, कटराऐमा, पतारी, भुगनियापुर, बलिहारा, मड़वाई, रहिनियापुर, बिगाही, कमीर, बिलवाहार, नरिहा, ताहरपुर मैदू, उमरन, बिल्सरायां, मुबारकपुर लाटा, चिरौरा, रायपुर कुकहट, फतेहपुर रोशनाई, लोदीपुर,जरैला, घनारामपुर,धंजुआ, देवकली, गोइनी,करसा, सुल्तानपुर पेराजोर, करबक, पामा और गोपीपुर आदि 39 गांव मिलाकर वृहद नगर पालिका बनने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था, लेकिन इसको भी मंजूरी नहीं मिल सकी, इससे माती मुख्यालय के शहर बनने का सपना पूरा होने का अभिषेक तक इन्तजार है।

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