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कानपुर देहात में हालात ऐसे तो कैसे होगा कुपोषित बच्चों का पोषण

Kanpur News - कानपुर देहात में कुपोषित बच्चों के लिए चल रहे पोषण कार्यक्रम में अव्यवस्था के कारण केवल 602 बच्चों को ही कुपोषण से मुक्ति मिली है। 883 अति कुपोषित बच्चों में से केवल 175 को ही एनआरसी में भर्ती कराया...

Newswrap हिन्दुस्तान, कानपुरSat, 18 Jan 2025 08:42 AM
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कानपुर देहात। जिले में कुपोषित बच्चों के पोषण का कार्यक्रम बदइंतजामी का शिकार है। जिम्मेदारों की लापरवाही व उदासीनता का आलम यह है कि कुपोषित 3457 बच्चों में नौ माह में सिर्फ 602 बच्चे ही कोपोषण से मुक्ति पा सके। इस अवधि में जटिल रोगों से पीड़ित अति कुपोषित 883 बच्चों में सिर्फ 175 बच्चे ही एनआरसी भर्ती कराए जा सके। जबकि वहां भर्ती बच्चों को उनके परिजन अव्यवस्था के चलते एक हफ्ते से अधिक समय तक नहीं रख सके। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस साल अप्रैल से दिसंबर तक जिले में 3457 कुपोषित बच्चे चिन्हित हुए, इनमें पीली श्रेणी के 2574 व लाल श्रेणी के अति कुपोषित 883 बच्चे शामिल हैं। अति कुपोषित बच्चों केे पोषण के लिए जनवरी 2016 में जिला अस्पताल में पोषण पुनर्वास केंद्र संचालित किया गया था। इसमें कुपोषित बच्चों के इलाज के साथ न्यूट्रीशन, दवाओं, फल व पोषाहार आदि उपलब्ध कराने तथा उनकी 24 घंटे देखभाल करने के अलावा उनके साथ रहने वाली माताओं को भी निशुल्क भोजन की व्यवस्था है।साथ ही ऐसे बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए खिलौनों आदि का भी इंतजाम है।आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों के साथ हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर तैनात सीएचओ, एएनएम व बीएचएनडी टीमों को अति कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराने की जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन उपेक्षा के चलते कुपोषित बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। हाल यह है कि जटिल रोगों से ग्रस्त अति कुपोषित 883 बच्चों में नौ माह में सिर्फ 157 बच्चों को ही एनआरसी में भर्ती कराया जा सका । जबकि जनवरी माह में अभी तक यहां सिर्फ सात बच्चे ही भर्ती हो पाए हैं। अव्यवस्था व अनदेखी के चलते यहां भर्ती हुए इन बच्चों के परिजन एक हफ्ते से अधिक समय तक यहां रखने की हिम्मत नहीं जुटा सके। जिम्मेदारों के इस महत्वकाक्षी कार्यक्रम में गंभीर नहीं होने के कारण वित्तीय वर्ष के 9 माह बीतने के बाद चिन्हित 3457 बच्चों में सिर्फ 602 बच्चे ही कुपोषण से मुक्ति पा सके।

सीएमओ डा एके सिंह के अनुसार कुपोषित बच्चों के उपचार व पोषण के लिए उनको जिला अस्पताल की एनआरसी में भर्ती कराने की जिम्मेदारी वेलनेस सेंटरों के सीएचओ व बीएचएनडी टीमों को भी दी गई है।वहां अव्यवस्था को दुरुस्त कराने की जिम्मेदारी सीएमएस को करनी है।जटिल रोग से पीड़ित अति कुपोषित बच्चों को भर्ती कराने की प्रकिया की मानीटरिंग कर प्रभावी कार्रवाई कराई जाएगी।

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