कानपुर देहात में प्रतिबंध बेअसर, ट्रेक्टर ट्रालियों पर ढोई जा रही सवारियां
Kanpur News - कानपुर देहात में ओवरलोडिंग और अवैध वाहनों के कारण सड़कों पर हादसे बढ़ते जा रहे हैं। पुलिस द्वारा कार्रवाई केवल हादसे के बाद होती है। हर दिन औसतन एक मौत और दो लोग घायल होते हैं। ट्रैक्टर और भाड़ा वाहनों...
कानपुर देहात। सड़कों पर हादसे रोकने के लिए सवारी वाहनों में ओवरलोडिंग और ट्रैक्टर ट्रालियों पर सवारियां ढोने पर लगी रोक जिले में बेअसर साबित हो रही है। सड़कों पर सवारियां भरकर फर्राटा भर रहे अवैध वाहन व ट्रैक्टर हादसे को दावत दे रहे हैं। ओवरलोड आटो व टेंपो की भी जिम्मेदारों की अनदेखी से लोगों की जान संकट में डाल रहे हैं । जिले में सड़कों पर हादसों में औसत हर दिन एक मौत व दो लोग घायल होते हैं। कोहरे में हादसों की संख्या में और भी इजाफा हो जाता है। हादसों की मुख्य वजह अवैध पार्किंग, ओवरलोडिंग, गलत दिशा से आवागमन व तेज रफ़्तार बनती है, इसके साथ ही यातायात नियमों की अनदेखी भी बड़ा कारण है। शासन की ओर से ट्रैक्टर व भाड़ा वाहनों पर सवारियां न ले जाने के निर्देशों के बावजूद बड़ी संख्या में लोग ग्रामीण सड़कों पर ट्रैक्टर ट्रालियों पर सफर कर रहे हैं। निर्देश के बावजूद इन पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। हाई-वे से लेकर प्रमुख सड़कों पर सवारियां लेकर जाते ट्रेक्टर ट्रालियां नजर आ रही हैं। आटो में भी सवारियों की तादाद निश्चित की गई है इसके बावजूद चालक सीट के दोनों तरफ सवारियां बैठाकर फर्राटा भर रहे हैं। इससे कई हादसे होने के बावजूद मुख्यालय रोड से लेकर हर मार्ग पर वाहन फर्राटा भर रहे हैं। मूसानगर क्षेत्र में सवारी लेकर जाते ट्रेक्टर पर व हाईवे पर सवारियों ढोते भाड़ा वाहन के साथ सड़कों पार सरिया, बल्ली आदि भाडा लेकर जाते ई रिक्शा हर दिन नजर आते हैं।
हादसे के बाद ही पुलिस चलाती अभियान
अवैध वाहनों से सवारी ढोने व ओवरलोडिंग के कारण हादसा होने के बाद ही पुलिस का अभियान चलता है। पिछले साल घाटमपुर के पास ट्राली पलटने से कई लोगों की जान जाने के बाद ओवरलोड वाहनों पर नियंत्रण के साथ ट्रैक्टर ट्रालियों के खिलाफ अभियान चला था, लेकिन अब फिर से हर सड़क पर ट्रैक्टर ट्रालियों पर लोग सवारियां भरकर चल रहे हैं।
जनपद में पंजीकृत हैं करीब 20 हजार ट्रैक्टर
जनपद में करीब साढ़े 19 हजार ट्रेक्टर कृषि कार्य के लिए व करीब 60 ट्रैक्टर व्यवसायिक प्रयोग के लिए पंजीकृत हैं। लेकिन अधिकांश ट्रेक्टर दिन भर सड़क पर सवारियों के अलावा भाड़ा ढोने का काम करते हैं। इसके बाद भी इनकी जिम्मेदार अनदेखी करते हैं।
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