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लोकार्पण के डेढ़ साल बाद भी नहीं चल पाई ब्लड कंपोनेंट यूनिट

Kanpur News - कानपुर देहात के जिला अस्पताल में ब्लड कंपोनेंट यूनिट का उद्घाटन डेढ़ साल बाद भी नहीं हो सका है। अधिकारियों ने बिना लाइसेंस के उद्घाटन किया था। जांच में भवन मानक के अनुरूप नहीं मिलने से लाइसेंस नहीं...

Newswrap हिन्दुस्तान, कानपुरThu, 13 Feb 2025 09:41 AM
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लोकार्पण के डेढ़ साल बाद भी नहीं चल पाई ब्लड कंपोनेंट यूनिट

कानपुर देहात, संवाददाता। जिला अस्पताल में स्थित ब्लड कंपोनेंट यूनिट का लोकार्पण के डेढ़ साल बाद भी ताला नहीं खुल सका। बिना लाइसेंस हासिल किए ही अफसरों ने वाहवाही हासिल करने के लिए प्रभारी मंत्री से पिछले साल इसका उद्घाटन करा दिया गया था। लेकिन जांच में भवन मानक क़े अनुरूप नहीं मिलने से लाइसेंस ही नहीं मिल पाया। मेडिकल कालेज बनने क़े बाद अब नए सिरे से भवन तैयार कर फिर लाइसेंस हासिल करने की क़वायद शुरू की गई है।

जिला अस्पताल में मरीजों को प्लेट्लेट्स व प्लाज्मा आदि की सुविधा मुहैया कराने के लिए 2019 में ब्लड कंपोनेंट यूनिट की स्थापना की मंजूरी मिली थी।भवन बनने के बाद नवंबर 2022 में ब्लड कंपोनेंट यूनिट के संचालन के लिए फ्रीजर व प्लेटलेट्स इंस्यूबेटर,लेमिनर एयर फ्लो, सेंट्रीफ्यूज, क्रायोबाथ, ब्लड स्टोरेज रेफ्रीजरेटर, प्लाज्मा थेविंग बाथ,प्लेटलेट्स इंस्यूबेटर, ट्यूब सेलर, एलिसा रीडर, डीप फ्रीजर,ब्लास्ट फ्रीजर, डबल पान बैलेंसिंग आदि उपलब्ध हो गए थे। इसके बाद जिम्मेदारों ने बिना लाइसेंस हासिल किए वाहवाही हासिल करने के लिए 18 अगस्त 2023 को तत्कालीन प्रभारी मंत्री से ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट का लोकार्पण करा दिया था। लेकिन इस यूनिट के संचालन के लिए अभी तक लाइसेंस हासिल नहीं किया जा सका। इससे डेंगू पीड़ितों, खून की कमी की शिकार प्रसूताओं, दुर्घटना के गंभीर घायलों तथा गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को रेड ब्लड सेल (आरबीसी), प्लाज्मा, ह्वाइट ब्लड सेल (डब्ल्यूबीसी) और प्लेट्लेट्स के लिए कानपुर पर ही निर्भरता बनी हुई है। काफी प्रयास क़े बाद लाइसेंसिंग अथारिटी की जांच में भवन मानक क़े अनुसार नहीं होने से लाइसेंस मिलने में अवरोध आ गया था, इसके बाद अब मानक क़े अनुसार भवन तैयार कर फिर से लाइसेंस हासिल करने की कवायद शुरू की गई है।

बोले जिम्मेदार-

ब्लड कंपोनेंट यूनिट के लाइसेंस के लिए ड्रग इंस्पेक्टर की रिपोर्ट सहित आवेदन किया गया था,लेकिन भवन की खामी क़े चलते अभी तक लाइसेंस नहीं मिल पाने से इसका संचालन अधर में है। अब मानक क़े अनुसार भवन तैयार कर फिर से लाइसेंस हासिल करने का प्रयास हो रहा है।इसके लिए सीएमएस को प्रभावी पैरवी कर जल्द लाइसेंस हासिल करने को कहा गया है।

-डॉ एके सिंह, सीएमओ।

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