कानपुर देहात में धधकने लगी भट्ठियां, तैयार हो रहा मिलावटी खोया
कानपुर देहात में दीपावली के त्योहार के नजदीक नकली और सिंथेटिक खोया कारोबारियों की सक्रियता बढ़ गई है। गांवों में रात में खोया भट्टियां धधकने लगी हैं, जहां मिलावटी खोया तैयार किया जा रहा है। यह खोया...
कानपुर देहात। जिले में दीपावली का त्योहार नजदीक आते ही नकली व सिंथेटिक खोया कारोबारियों ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। छापे के भय से गांवों में जहां रात के अंधेरे में भट्ठियां धधकने लगीं हैं। वहीं सीजनल विक्रेताओं ने भी बड़े पैमाने पर मिलावटी खोया तैयार करने का काम शुरू कर दिया है। खाद्य सुरक्षा विभाग में जिले की करीब 60 खोया भट्ठियां पंजीकृत हैं,जो प्रत्येक सीजन में खोया कारोबार करती हैं। इसके अलावा त्योहार के मौके पर सीजनल कारोबारी भी सक्रिय हो जाते हैं। दीपावली नजदीक आते ही मुड़ेरा किन्नर सिंह, कंचौसी, मैथा, लालपुर, रंजीतपुर,भाऊपुर, उड़नापुर, बादशाहपुर, मैथा, गदनपुर, उदनापुर, सिहुंठा, अलावलपुर, सैथा, दुआरी, लोहारी, पेराजोर, मनेथू, वीरपुर नक़सिया, अडरेपुरवा,अंगदपुर, इंजुआ रामपुर, बचीतपुरवा, महाराजपुर, नरसूजा, काशीपुर, रहमानपुर, पांडेय नेवादा, सलेमपुर, सहित दर्जनों गांवों में बड़े पैमाने खोया तैयार हो रहा है। जबकि यमुना बेल्ट के गांवों में भी रात के अंधेरे में खोया भट्ठियां धधकने लगी हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इनमे कई स्थानों पर संचालित खोया भट्ठियों पर दूध पाउडर के घोल व फैट रहित दूध से मिलावटी खोया तैयार किया जा रहा है।छापे के भय से रात के अंधेरे में खोया तैयार करने का काम होता है। मिलावटी खोए को कारोबारी जिले के साथ ही कानपुर व औरैया की बाजारों में खपाते हैं।
इस तरह से तैयार होता है मिलावटी खोया
फैट रहित दूध व ग्लूकोज के घोल में चिकनाई लाने के लिए रिफाइंड या पाम आयल मिलाते हैं।खराब होने से बचाने के लिए कारोबारी चीनी के साथ ही केमिकल व हाइड्रोजन पराक्साइड का प्रयोग करते हैं।सिंथेटिक खोये में सोडा, पोस्टर कलर,कैल्शियम कार्बोनेट, सोडियम बाई कार्बोनेट,फार्मेलीन मिलाकर तैयार किया जाता है। प्रयोगशाला में परीक्षण से ही इसकी हकीकत सामने आ सकती है।
स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक
जिला अस्पताल में तैनात डा. निशांत पाठक, रूरा सीएचसी प्रभारी डा. सुनील कुमार का कहना है कि मिलावटी खोया स्वस्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। सोडियम बाई कार्बोनेट, स्टार्च व हाइड्रोजन पराक्साइड आदि अखाद्य पदार्थ हैं। इससे आंतों,गुर्दों पर प्रतिकूल असर पड़ता है। फार्मेलिन एक तरह का जहर है, जो किडनी व लीवर पर प्रतिकूल असर डालता है।
ऐसे करें मिलावटी खोया की पहचान
आयोडीन टिंचर खोया में डालने से स्टार्च की मिलावट पर रंग नीला हो जाता है। यदि खोया सफेद,हल्के पीले रंग का है तो वह मिलावटी होने की संभावना होती है। सूंघने पर मिलावटी खोए की खुशबू अजीब सी महसूस होती है। खोए को हाथ से रगड़ऩे पर असली होने पर घी छोड़ता है। चख कर देखने पर असली खोए का स्वाद मीठा व अच्छा लगता है।
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