Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़कानपुरDisclosed in investigation 50 patients are not aware where they got infected

जांच में खुलासा: पता ही नहीं चल रहा कहां से संक्रमित हो गए 50 मरीज

कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ रही संख्या से स्वास्थ्य विभाग ने प्रबंधन (रोकथाम के उपाय) की अपनी रणनीति बदली है। क्योंकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लगभग 50 पॉजिटिव केसों में यह पता नहीं लगा पा रहे हैं...

Newswrap हिन्दुस्तान, कानपुरTue, 5 May 2020 02:22 PM
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कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ रही संख्या से स्वास्थ्य विभाग ने प्रबंधन (रोकथाम के उपाय) की अपनी रणनीति बदली है। क्योंकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लगभग 50 पॉजिटिव केसों में यह पता नहीं लगा पा रहे हैं कि उन्हें संक्रमण कैसे हुआ। या कुछ ऐसे भी पॉजिटिव केस हैं, जिनमें फर्स्ट कांटेक्ट यानी पहले निकट सम्बंधी से अलग दूसरे नए व्यक्ति को संक्रमण कैसे मिला है।

संक्रमण का स्रोत क्या है

बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को मिले संक्रमण के स्रोत के बारे में स्वास्थ्य विभाग को ठोस वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं मिल पाए हैं। इसी तरह दो पॉजिटिव बुजुर्ग महिलाओं की मौत हो गई। उनका भी स्रोत नहीं मिला। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण के तौर तरीकों यानी संक्रमण के शिफ्टिंग मैकेनिज्म पर अध्ययन शुरू किया है। इसके लिए विशेषज्ञों की टीम लगी है, जो हाट स्पॉट क्षेत्रों में डोर-डोर आंकड़े जुटा रही है।

10 फीसदी सैम्पल पॉजिटिव होने से बढ़ी चिंता

अधिकारियों का कहना है कि संक्रमण के स्रोत का पता लगाने में दुश्वारी हो रही है। उधर संक्रमण की रफ्तार बढ़ने से चिंता बढ़ी है। क्योंकि बीते 10 दिनों में 150 पॉजिटिव केस सामने आए हैं। रोजाना कुल लिए जाने वाले सैम्पल में लगभग 10 फीसदी पॉजिटिव देखे जा रहे हैं। इसी के तह में जाने में की कोशिश।

इस तरह प्लानिंग से काम कर रहे

हॉटस्पॉट क्षेत्रों में एपिडेमियोलॉजिकल अध्ययन में यह देखा जा रहा है कि संक्रमित मरीज को संक्रमण कहां से मिला। स्रोत क्या है। संक्रमित किस व्यक्ति से कितने समय तक या कितनी बार मिला है। इससे पूरे चेन तक पहुंचने की कोशिश हो रही है।

तीन लाख घरों को खंगाल चुकी टीम

अभी तक हॉट स्पॉट क्षेत्रों और कांटेक्ट में आए लोगों के घरों को मिलाकर लगभग तीन लाख घरों से आंकड़ा जुटाया जा चुका है। घरों से मिले फीडबैक के आधार पर आगे रणनीति बनाई जा रही है।

इनका कहना

संक्रमण के तौर तरीकों यानी शिफ्टिंग मैकेनिज्म पर अब अध्ययन शुरू किया गया है। क्योंकि बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों में संक्रमण मिलने से परेशानी बढ़ी है। कुछ और मामले भी हैं, जिनके संक्रमण के स्रोत तक पहुंचना बेहद जरूरी है। अभी तक मिले पॉजिटिव मरीजों की हिस्ट्री क्या है, संक्रमण की दर किस तरह बढ़ रही है। इसके लिए टीम लगाई गई है। माइक्रोप्लानिंग के साथ काम कर रहे हैं। -डॉ.अशोक शुक्ला सीएमओ

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