भारतीय संस्कृति और तकनीक में गहरा संबंध
कानपुर में सीएसजेएमयू में सात दिवसीय संकाय संवर्धन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में भारतीय ज्ञान प्रणाली पर ध्यान देने की आवश्यकता बताई गई। डॉ. वृष्टि मित्रा और अन्य विशेषज्ञों ने भारतीय...
कानपुर। प्रमुख संवाददाता सीएसजेएमयू में सात दिवसीय संकाय संवर्धन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसका आयोजन शिक्षा मंत्रालय के भारतीय ज्ञान प्रणाली विभाग, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और भारतीय ज्ञान प्रणाली अध्ययन केंद्र (आईआईटी कानपुर) की ओर से किया गया। डॉ. वृष्टि मित्रा ने कहा कि भारतीय संस्कृति के विभिन्न आयामों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इसमें भारतीय ज्ञान प्रणाली में रुचि रखने वाले विभिन्न संकायों के सहायक प्रवक्ता, शोधार्थी एवं छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। संस्थान के संस्थापक एवं सीईओ राघव कृष्णा ने कहा कि भारतीय ज्ञान प्रणाली जीवन के हर क्षेत्र में मार्गदर्शन करती है। एक शिक्षक का काम छात्रों को भारतीय सभ्यता की गहरी समझ देना है और इसे आधुनिक जीवन में उपयोगी बनाना है। सोशल मीडिया के माध्यम से सूचना प्रसार और विपणन के महत्व पर भी जानकारी दी। ऑनलाइन माध्यम से जुड़े चाणक्य यूनिवर्सिटी के एमएस चैत्रा ने प्राचीन ज्ञान परंपराओं की गहराई और विविधता पर जानकारी दी। अरनब भट्टाचार्य ने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति तकनीक से कहीं दूर नहीं है। तकनीक और संस्कृति के बीच एक गहरा संबंध है, जो हमारी विज्ञान परंपरा से जुड़ा हुआ है।
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