बोले कानपुर : ऊपर चिंगारियां फेंकते तार, नीचे दवा का बाजार
Kanpur News - बिरहाना रोड की दवा बाजार में कई दशकों से कारोबार हो रहा है, लेकिन अब व्यापारियों को सफाई, बिजली के जर्जर पोल और अवैध कब्जों जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। व्यापारियों का कहना है कि सरकार ने...
बिरहाना रोड की तंग गलियों में दवा का थोक कारोबार कई दशकों से फल-फूल रहा है। कारोबार में अब कई मुसीबतें और चुनौतियां हैं। ये सब तो हम हाल के वर्षों में बहुत झेल चुके। आगे भी सामना कर लेंगे मगर हमें चाहिए गलियों में सफाई का मरहम। चौबीस घंटे मौत बनकर खड़े हैं बिजली के जर्जर पोल व चिंगारियां फेंकते तार। इन समस्याओं ने बाजार की गलियों को बीमार बना दिया है। इनसे दवा कारोबार भी ‘मरीज बन चुका है। सत्तर साल पुराने दवा बाजार की रौनक अब पहले जैसी नहीं रही। न सिर्फ बाजार बल्कि यहां के व्यापारियों ने भी तमाम चुनौतियों का सामना किया है। कारोबारियों को कसक है कि भरपूर टैक्स देने के बाद भी न तो बिजली व्यवस्था पटरी पर आई और न ही सफाई और पार्किंग के ही ठोस इंतजाम हुए। वर्षों से उनकी आवाज नक्कारखाने में तूती की तरह गूंज कर रह गई। सरकारी महकमों ने इस आवाज को गंभीरता से नहीं लिया। वरिष्ठ व्यापारी हरविंदर सिंह भल्ला कहते हैं कि जरा सी बारिश में नालियों का पानी दुकानों में घुसने लगता है। कई दिन तक तो बदबू बनी रहती है। बैठना मुश्किल होता है। पहले ऐसा नहीं था, हमारी बातों को नेता के साथ अधिकारी भी सुनते थे और अमल भी तुरंत करते और कराते थे। समय का पहिया घूमा तो हमारी स्थिति भी बिगड़ती गई। अब यकीन हो चुका है कि हमारा काम सिर्फ खजाना भरना है, भले ही परेशानियों के भंवर में फंसते जाएं। इतना कुछ बताने के बाद भी वह रुके नहीं, आगे कहते हैं कि हमारा सेक्टर पढ़े-लिखे और काबिल लोगों का है, औरों की सेहत सुधारने की जितनी जिम्मेदारी डॉक्टरों की है, उतनी हमारी भी है। यहां कोई क्यों नहीं समझ रहा है, हमारी हालत बदतर होती जा रही है। बार-बार दिल दुखता है, इसलिए कारोबार भी समेटने का ख्याल आता है।
दुकानों के बाहर लटक रहे तार, कभी भी गिर सकते पोल : दि दवा व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजेंद्र सैनी कहते हैं कि दवा बाजार में तारों का जाल हर तरफ है। सालों पहले बिछाए गए तार दुकानों के बाहर लटक रहे हैं। अधिकांश जगह तो इनसे बचने के लिए सिर झुकाकर आगे बढ़ना पड़ता है। तारों के मकड़जाल के कारण हर समय परेशानी होती है। वहीं करीब आधा दर्जन पोल ऐसे हैं, जोकि सड़क की तरफ आधे झुके हैं। कई बार इनको बदलने और मरम्मत की मांग की गई पर किसी के कानों में जूं तक नहीं रेंगी। किसी भी दिन कोई बड़ा हादसा यहां होने का भय रहता है।
कभी-कभार लगती है झाड़ू, बजबजा रहीं नालियां : महामंत्री नंदकिशोर ओझा कहते हैं कि बाजार में सफाई की कमी खलती है। कभी-कभार झाड़ू लगने से गंदगी का ढेर बाजार में लगा रहता है। नालियां गंदगी से बजबजाती रहती हैं, बरसात के दौरान जलभराव व कीचड़ से आवागमन ही बाधित नहीं होता बल्कि कारोबार भी ठप हो जाता है। कई बार स्थानीय नेताओं व अधिकारियों से समस्या के निदान की मांग की जा चुकी है पर स्थायी समाधान अबतक नहीं हुआ।
अवैध कब्जों ने छीनी चमक, आए दिन विवाद : बाजार में अवैध कब्जों की भरमार है। स्थानीय लोगों की दबंगई के कारण कोई कुछ भी बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाता है। अवैध रूप से संचालित दुकानें और ठेले वालों के कारण कारोबार करने में काफी असुविधा होती है। इस वजह से आए दिन विवाद भी होता है। अवैध दुकानों की शिकायत कई बार की गई पर इन्हें हटाने के लिए कोई प्रयास नहीं हुआ।
सुझाव
1.जीएसटी नियमों में सरलीकरण अति आवश्यक
2.डॉक्टर मरीजों को पर्चे में ब्रांडेड दवाएं भी लिखें
3.180 दिन में एक्सपायरी दवा वापसी का नियम खत्म हो
4.दवा कारोबारियों की अलग से ड्रग-प्रशासन के साथ हो बैठक
5.बिजली तारों व जर्जर पोल के समाधान पर हो गंभीर पहल
6.ड्रग पोर्टल में बार-बार बदलाव न हो, सरल हो व्यवस्था
समस्याएं
1.पार्किंग की व्यवस्था न होने से अराजकता
2.लटकते तार व जर्जर पोल से हर वक्त खतरा
3.सुरक्षा के नाम पर कोई खास इंतजाम नहीं
4.नियमित रूप से सफाई न होने से बदतर हालात
5.जीएसटी अफसरों की कार्यशैली से हो रही परेशानी
6.ड्रग पोर्टल में बार-बार बदलाव से नवीनीकरण में दिक्कत
बोले व्यापारी
बाजार में लंबे समय से समस्याओं का जाल बिछा है। इसके समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
राजेंद्र सैनी, अध्यक्ष दि दवा व्यापार मंडल
बिजली के लटकते तारों का मकड़जाल देखकर हर वक्त अनहोनी का डर सताता है। झुके पोल भी खतरनाक हैं।
नंदकिशोर ओझा, दि दवा व्यापार मंडल
नियमित रूप से सफाई न होना बड़ी परेशानी है। गंदगी से नालियां बजबजाती हैं। बरसात में तो कारोबार करना कठिन है।
राजेश गुप्ता, कारोबारी
जीएसटी विभाग की कार्यशैली से परेशानी हो रही है। बेवजह नोटिस भेजकर व्यापारी के लिए दिक्कत खड़ी की जा रही है।
दीपक निगम, कारोबारी
डॉक्टर अपनी क्लीनिक और अस्पतालों में ही दवा बेच रहे हैं। इससे दवा कारोबारियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है।
अशोक अग्रवाल
पार्किंग की कोई व्यवस्था न होने से बाजार में प्रवेश के सारे रास्तों पर वाहन खड़े रहते हैं। इसकी ठोस व्यवस्था जरूर होनी चाहिए।
योगेश अग्रवाल
ड्रग पोर्टल दस साल में चार बार बदला जा चुका है। हर बार कागजात तैयार करने में परेशानी होती है। एक बार ही बदलाव हो।
संजय मेहरोत्रा
दवा कंपनियां एक्सपायरी दवा लेने में कई नियम बताती हैं। 180 दिन के अंदर दवा वापसी की शर्तों में बदलाव जरूरी है।
राजकमल त्रिपाठी
बाजार के आसपास अवैध कब्जों की भरमार है। इसके कारण कारोबार पर भी असर पड़ रहा है। रोकथाम के उपाय होने चाहिए।
सचिन गुप्ता
सुरक्षा के नाम पर चार निजी गार्ड व्यापारियों ने रखे हैं। पुलिस भी गहनता से काम करे, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
संदीप शुक्ला
भरपूर टैक्स देने के बाद भी किसी सियासी दल ने समस्याओं के निदान में गंभीरता नहीं दिखाई। इसकी कसक है।
हरविंदर सिंह भल्ला, दि दवा व्यापार मंडल
दवा बाजार में एक भी यूरिनल नहीं है। कई बार मांग के बाद भी इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया। काफी दिक्कत होती है।
दीपांकर बाजपेई
बोले जिम्मेदार
पोर्टल में बार-बार बदलाव दवा कारोबारियों के हित में किया गया है। प्रक्रिया को और सरल बनाया गया है। अब तक पोर्टल का संचालन स्टेट स्तर पर होता था, अब सब कुछ सेंट्रल लेवल पर ही हो रहा है। यह बेहद सुविधाजनक है।
रेखा सचान, औषधि निरीक्षक, कानपुर
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