बोले कानपुर : उत्पीड़न और उपेक्षा से पुर्जे-पुर्जे हो रहा हमारा कारोबार
Kanpur News - कानपुर के लाटूश रोड पर मशीनरी बाजार में व्यापारियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जीएसटी अधिकारियों के उत्पीड़न, खराब सड़क व्यवस्था, बिजली की समस्याएं और सुरक्षा की कमी ने व्यापार को...
कानपुर को पूर्व का मैनचेस्टर का तमगा दिलाने वाली मिलों के पीछे लाटूश रोड का बड़ा हाथ रहा। यहीं है वो मशीनरी बाजार जहां हर तरह के कल-पुर्जे मिलते हैं। कारोबारी बताते हैं कि इसी खूबी ने बाजार को देश भर में ख्याति दिलाई, लेकिन उत्पीड़न और उपेक्षा से अब कारोबार पुर्जे-पुर्र्जे हो रहा है। अपने ही शहर में हम सरकारी महकमों के लिए बेगाने से हो गए। बाजार में बदइंतजामी बहुत है। बिजली, सड़क और सफाई का संकट है। यहां तक कि एक यूरिनल का भी इंतजाम नहीं हो सका। लगभग 125 साल पहले भीड़ वाले इलाके लाटूश रोड में बसे मशीनरी कारोबार ने शहर की दिन दोगुनी और रात चौगुनी तरक्की कराई। जब-जब जरूरत पड़ी यहां के कारोबारी आगे रहे। अंग्रेजों के जमाने में ही नहीं बल्कि आजादी के बाद भी शान-शौकत में कोई कमी नहीं रही। हालात अब बदल चुके हैं, समस्या और अव्यवस्थाओं की जुगलबंदी ने ऐसा घेरा कि कारोबार तेजी से सिमटता चला गया। मशीनरी बाजार के पुराने और वरिष्ठ कारोबारियों में से एक सुरेंद्र सुनेजा का यह दर्द उनके चेहरे पर साफ झलक रहा। कहते हैं कि एक जमाना था जब लाटूश रोड ही नहीं बल्कि आसपास के इलाकों की पहचान बाजार से होती थी पर अब वह दौर कहीं गुम हो गया। करोड़ों का रोज व्यापार है फिर भी समस्याओं और उत्पीड़न की वजह से कारोबार पुर्जे-पुर्जे हो रहा है। इतने बड़े बाजार में एक भी यूरिनल न होने से खुद के साथ बाहरी कारोबारियों को भी परेशानी उठानी पड़ती है। उनकी ही तरह दशकों से इसी बाजार से जुड़े आदित्य शुक्ला भी खुद को बोलने से रोक न सके। अपने स्थान पर अचानक उठ खड़े हुए आदित्य कहते हैं कि प्रदेश का कोई ऐसा शहर नहीं था जहां का कारोबारी यहां आकर मशीनरी पुर्जे न खरीदता हो। अब सिर्फ 10-12 जिले के ही व्यापारियों के सहारे कामकाज चल रहा है। अब बस पुरखों के व्यापार को जैसे-तैसे खींच रहे हैं। वहीं अनिल जैन ने बताया कि जीएसटी अफसरों के उत्पीड़न की वजह से व्यापार पर संकट के बादल छाए हुए हैं।
अराजकतत्वों की चहलकदमी, सजती है जुए की फड़ : कारोबारी नवीन शर्मा, असद इमरान कहते हैं कि बाजार में अराजकतत्वों की चहलकदमी से पूरा बाजार परेशान है। बाजार खुलने और बंद होने के बाद यहां नशेड़ियों और जुआरियों का जमघट लग जाता है। जगह-जगह जुए की फड़ सजती है। कई बार मारपीट और विवाद भी हो चुका है, लेकिन इनको रोकने का कभी सार्थक प्रयास नहीं हुआ। हालांकि वरिष्ठ अफसरों से लेकर कई बैठकों में इस मसले को उठाया गया पर हालात वही रहे।
अंडरग्राउंड बिजली फिर भी नहीं हटे सड़े-गले पोल: वरिष्ठ कारोबारी नरेंद्र तिवारी, अमित अग्रवाल ने बताया कि दो साल पहले बाजार में बिजली आपूर्ति अंडरग्राउंड तरीके से हो रही है। इसके बावजूद अबतक सड़े-गले पोल और लटकते खतरनाक तार हटाए नहीं गए हैं। केस्को की लापरवाही का आलम यह है कि एक दर्जन पोल कभी भी गिर सकते हैं। हालांकि इस समस्या पर कई बार विभागीय अधिकारियों से संपर्क किया गया, हर बार सिर्फ आश्वासन के आगे कुछ नहीं हुआ। वहीं सड़क पर ही कई जगह ट्रांसफॉर्मर रखे हुए हैं। इनसे निकलने वाली चिंगारी से हरवक्त अनहोनी का डर सताता है।
गिरताऊ इमारत में 50 दुकानें, कभी भी हादसा : कारोबारी सुनील सिंह, रामेश्वर दयाल ने बताया कि मशीनरी बाजार की सबसे पुरानी इमारत भगत सिंह मार्केट गिरताऊ हालत में है। इस इमारत में 50 दुकानों का संचालन मौजूदा समय में हो रहा है, जिनका किराया नगर निगम वसूल करता है। छत से आए दिन प्लास्टर गिरता है, कई बार लोग चपेट में आने से जख्मी भी हुए। इसके बावजूद आजतक नगर निगम ने इसकी मरम्मत कराने के बारे में कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई। इस वजह से कभी हादसा होने का इंतजार है।
जीएसटी अफसरों के उत्पीड़न से व्यापार पर संकट : कारोबारी अनिल जैन, सुनील अरोड़ा कहते हैं कि जीएसटी अफसरों की मनमानी के कारण व्यापार पर ही संकट है। कागजात होने के बाद भी परेशान किया जाता है। मशीनरी उपकरणों पर 5 से 18 प्रतिशत जीएसटी दर लगाने का प्रावधान है। इसके अलावा बार-बार नोटिस भेजने से खासकर छोटे कारोबारियों के लिए सिरदर्द है। विभागीय अफसर कोई न कोई कागजी कमी बताकर हमारा शोषण करते हैं। ऐसे में जीएसटी नियमों का सरलीकरण होना बेहद जरूरी है। अगर ऐसा नहीं होता है तो कारोबार बर्बाद होने से बच नहीं सकेगा।
मूलगंज चौराहे पर डिवाइडर व्यापारी काट रहे लंबा चक्कर : कारोबारियों की सबसे बड़ी पीड़ा मूलगंज चौराहे पर लगा डिवाइडर है। इस वजह से बड़ा चौराहा, मेस्टन रोड, परेड, नई सड़क की तरफ से आने वाले कारोबारी और ग्राहकों को बेहद परेशानी होती है। करीब आधा किमी आगे जाकर खोया मंडी के सामने से होकर बाजार आना पड़ता है। समूचे रास्तों पर वाहनों का अत्याधिक लोड होने के कारण बाजार आने से ग्राहक कन्नी काटते हैं। यही नहीं इस रोड पर बेतरतीब खड़े वाहनों की वजह से भी जाम लग जाता है। ऐसे में कभी कभी ग्राहक व व्यापारी काफी देर तक जाम में फंसे रहते हैं। कारोबारियों का कहना है कि डिवाइडर और इसकी वजह से होने वाली परेशानी के कारण ग्राहक बाजार में आने से कतराते हैं। वहीं माल भेजने के समय भी कारोबारियों को दिक्कत होती है। डिवाइडर के कारण जाम और बेलगाम यातायात से तो निजात नहीं मिली, लेकिन व्यापार पर काफी असर पड़ा है। प्रशासन व पुलिस अफसरों के साथ बैठक में कई बार इसको हटाने की मांग भी की गई है। अबतक हमारी मांग पर किसी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई।
सुझाव
1. जीएसटी नियमों का सरलीकरण बेहद जरूरी है,जिससे कारोबारियों को राहत मिले
2. बाजार में व्यवस्था बनाने रखने के लिए पार्किंग की बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए।
3. मूलगंज चौराहे से पहले की तरह सीधा प्रवेश हो, जिससे ग्राहकों को दिक्कत का सामना न करना पड़े।
4. अराजकतत्वों के खिलाफ गंभीरता से कार्रवाई की जाए, पुलिस सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करे।
5. मशीनरी कारोबारियों संग अफसर अलग से बैठक करें, जिससे समस्याओं का समाधान हो सके।
6. नगर निगम भगत सिंह मार्केट का कायाकल्प जल्द कराए। अतिक्रमण को हटवाएं, जिससे व्यापारियों और ग्राहकों को आने जाने में सहूलियत हो।
समस्याएं
1. बाजार में सुरक्षा का कोई ठोस इंतजाम नहीं, अराजक तत्व रात में वारदात के फिराक में रहते।
2. डिवाइडर चौराहे पर होने से व्यापार को झटका, ग्राहकों को सीधे बाजार में आने में आती है दिक्कत
3. अंडरग्राउंड होने के बाद भी बिजली पोल, खंभे लगे जिससे जाम और अतिक्रमण के हालात बनते
4. जीएसटी अफसरों की मनमानी से व्यापारी हताश हमेशा कार्रवाई का रहता है डर
5. यूरिनल न होने से कारेाबारियों को बड़ी दिक्कत, मांगों के बाद भी इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा।
6. जर्जर इमारत में दुकानें संचालित, मरम्मत की सुध नहीं कभी भी कोई बड़ा हादसा होने का रहता है डर। प्रशासन इस ओर नहीं दे रहा ध्यान।
बोले व्यापारी
सरकार की नीतियों से व्यापारी परेशान हैं। अधिकारी शोषण कर रहे हैं। सुरेंद्र सनेजा, चेयरमैन, मशीनरी एंड मिल स्टोर मर्चेंट एसो.
अगर व्यापारी टैक्स दे रहा है, तो उसे परेशान करना गलत है। शोषण न किया जाए।
नरेंद्र तिवारी, अध्यक्ष, मशीनरी एंड मिल स्टोर मर्चेंट एसोसिएशन
राजनीति दल वादे करते हैं। कोई भी व्यापारियों की समस्या को सदन में नहीं उठाता।
नवीन शर्मा, महामंत्री, मशीनरी एंड मिल स्टोर मर्चेंट एसोसिएशन
व्यापारियों से सिर्फ टैक्स वसूला जाता है पर सुविधा के नाम पर कुछ नहीं दिया जाता है। -आदित्य शुक्ला
जीएसटी विभाग व्यापारियों को पुराने नोटिस भेजकर जुर्माना वसूल रहा है। अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है। -असद इमरान
अगर सरकार शहर की बंद मिलों को चालू कर दे तो यहां व्यापार और रोजगार दोनों बढ़ेगा। - सुरेश गुप्ता
बाजार में पोल जर्जर हालात में खड़े हैं। दुकानों के बाहर सड़क पर ट्रांसफार्मर रखे हंै, जिससे खतरा मंडराता है। -पाली चावला
बाजार में गंदगी भी समस्या है। बाजार में सही ढ़ग से सफाई नहीं होने के कारण नालियां चोक हैं। -आशीष जैन
बाजार में पार्किंग बहुत बड़ी समस्या है। व्यापारियों और ग्राहकों को सड़क पर वाहन खड़े करने पड़ते हैं। -फिरोज खान
मेस्टन रोड चौराहा पर डिवाइडर लगाने से बाजार आने वाले ग्राहकों को समस्या होती है व्यापार प्रभावित है। -अजय अग्रवाल
बोले जिम्मेदार
मूलगंज चौराहे पर डिवाइडर से व्यापारियों को होने वाली समस्या की जानकारी हुई है। मैं स्वयं वहां जाकर देखूंगा और वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। बाजार में जाम की समस्या पर मंथन चल रहा है। फरवरी के अंत तक लाटूश रोड को ई रिक्शा से मुक्त करने की तैयारी है। - रविंद्र कुमार, डीसीपी ट्रैफिक
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