नेताओं के शक्ति प्रदर्शन में उलझी भाजपा के मंडल अध्यक्षों की घोषणा
Kanpur News - कानपुर देहात, संवाददाता। भाजपा संगठन के चुनाव को लेकर जनपद में गुटों में बटी
कानपुर देहात, संवाददाता। भाजपा संगठन के चुनाव को लेकर जनपद में गुटों में बटी भाजपा के नेताओं के शक्ति प्रदर्शन के चलते जिले के 18 मंडलों की घोषणा अब तक नहीं हो सकी है। बड़े नेता संगठन में अपनी पकड़ बनाये रखने के लिये अपने मंडल अध्यक्ष बनवाने में पूरा जोर लगा रहे हैं। इसके चलते प्रदेश संगठन घोषणा करने में अटक रहा है।
भाजपा की ओर से 20 दिसंबर तक मंडल अध्यक्षों के चुनाव पूरे कर लेने की तैयारी की गई थी। इसके तहत ही काम हो रहा था,लेकिन जिले में गुटों में बटी भाजपा के लोग वर्चस्व कायम करने के लिये संगठन के सबसे मूल पद मंडल अध्यक्ष पर अपने करीबियों की बिठाने की गणित में लग गये। जिला चुनाव अधिकारी के रूप में यहां रहे पूर्व मंत्री सतीश द्विवेदी ने यहां से तीन-तीन नामों के पैनल क्षेत्र और वहां से प्रदेश को भेजे गये। तीन नाम के पैनल में ही गुटीय संतुलन बनाने की कवायद होती रही। वहीं मंडल अध्यक्ष बनने के दावेदारों ने भी गुटबाजी में संतुलन बनाने की कवायद शुरु की है। इससे कई दावेदार दोनो पालों में हाथ पांव मारकर अपनी गोट फिट करने की कवायद में हैं। वहीं बडे़ नेता लखनऊ में अपने वर्चस्व के लिय जंग लड़ रहे है। तमाम मशक्कत के कारण जिले के 18 में से एक भी मंडल की घोषणा अब तक नहीं हो सकी है। प्रदेश संगठन दोनों गुटों में संतुलन बैठाने की कवायद में है। इसके तहत 18 में से 10 मंडल अध्यक्ष घोषित करने की तैयारी है, ताकि बाद में जिलाध्यक्ष पद पर आने वाला व्यक्ति अपने अनुसार बाकी मंडल अध्यक्ष बना सके, जिससे संगठन संचालन में आये दिन विवाद न हो। हालांकि एक दो दिन करते हुये करीब एक सप्ताह टल चुका है। मंडल अध्यक्षों की घोषणा कब होगी इस पर अधिकांश नेता चुप्पी ही साधे हैं।
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