मायावती पर टिप्पणी करने वाले विधायक को जूते मारने चाहिए, कानपुर में सांसद चंद्रशेखर आजाद के बिगड़े बोल
- कानपुर पहुंचे नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा मायावती पर टिप्पणी करने वाले विधायक को जूतों से पीटना चाहिए। चंद्रशेखर ने कहा कि उप चुनाव है मेरा प्रयास रहेगा कि सीसामऊ से सपा विधायक रहे इरफान सोलंकी भाई को न्याय मिले। जिस तरह उनका उत्पीड़न किया गया है।
कानपुर की सीसामऊ विधानसभा के उपचुनाव पर घमासान तेज हो गया है। रविवार को आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद कानपुर पहुंचे तो उनके बोल बिगड़ गए। गौशाला स्थित एमवीआर ग्रांड होटल में मीडिया से बातचीत में उन्होंने एक सवाल के जवाब में यह तक कह डाला कि मायावती पर टिप्पणी करने वाले विधायक को जूतों से पीटना चाहिए।चंद्रशेखर ने कहा कि उप चुनाव है मेरा प्रयास रहेगा कि सीसामऊ से सपा विधायक रहे इरफान सोलंकी भाई को न्याय मिले। जिस तरह उनका उत्पीड़न किया गया है। जिस तरह से उन्हें सताया गया है यह किसी से छिपा नहीं है। मैं, कोशिश करूंगा की आजाद समाज पार्टी के जरिये उनकी आवाज को भी उठाने का काम करें।
वह यही नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि भाजपा के कुछ नेताओं के दिमाग खराब हो गए हैं। वह हैसियत से ज्यादा बोलने लगे हैं। कभी-कभी वह अपने नेताओं को खुश करने के चक्कर में यह भी भूल जाते हैं कि इसके परिणाम क्या-क्या हो सकते हैं। बहन जी हमारी नेता हैं आदर्श हैं। उनके सम्मान में यदि कोई गलत शब्द कहेगा तो फिर भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के लोग उससे हिसाब लेंगे। मैं, उनको सावधान करना चाहता हूं। सीसामऊ विधानसभा का उप चुनाव हमारे लिये कोई चुनौती नहीं है। असपा के कार्यकर्ता और पदाधिकारी कोशिश कर रहे हैं। जनता हमारे साथ है। पार्टी अपनी तैयारी कर रही है।
आजाद ने कहा कि आज मंडल कमीशन के अध्यक्ष बीपी मंडल और राम स्वरूप वर्मा की जयंती है। इस जयंती पर समाजिक न्याय सम्मेलन बांदा में रखा है उसी में शामिल होने मैं जा रहा हूं। यूपी में जो हालात चल रहे हैं, अखबार पढ़ने में महिलाओं के साथ हत्या, रेप, चोरी, डकैती, भ्रष्टाचार की खबरे आती है, यह उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था और जो गरीबों, कमजोरों, किसानों के दमन की राजनीति चल रही है यह उसका सच है।चंद्रशेखर ने कहा कि हम आरक्षण में वर्गीकरण के खिलाफ इसलिये प्रदर्शन कर रहे हैं क्योंकि हमने सुप्रीम कोर्ट का फैसला पढ़ा है। हम चाहते हैं कि भाइयों की एकजुटता बनी रहे। इसीलिये हमने प्रयास किया है कि बहुत जल्द हम अनुसूचित जाति के सभी जातियों के प्रतिनिधियों को बुलाकर हम वार्ता करेंगे। हम कोशिश करेंगे की एक-दूसरे को समझें और कोई रास्ता मिलकर निकालें। क्योंकि हमें सरकार की मंशा पर शक है।
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