पुत्र की दीर्घायु के लिए आज निर्जला व्रत रखेंगी माताएं
फोटो 25 आचार्य पंडित नत्थूलाल मिश्रामिरगावां। जीवित्पुत्रिका जिउतिया) व्रत की तैयारी में मंगलवार को महिलाएं पूरे दिन व्यस्त रहीं। 25 सितम्बर बुधवार को
मिरगावां। जीवित्पुत्रिका जिवतिया) व्रत की तैयारी में मंगलवार को महिलाएं पूरे दिन व्यस्त रहीं। बुधवार को पड़ने बाले इस पर्व के लिए खरीदारी करने के लिए ग्रामीण और शहरी बाजारों में महिलाओं से बाजार गुलजार रहे। जिवीतिया व्रत माताएं पुत्र के दीर्घायु होने की कामना से रखती हैं। व्रत पर सूर्य देवता की उपासना की जाती है। पूजन नदी, तालाब या कुओं की जगत पर महिलाएं समूह में बैठकर करती हैं। आश्विन मास की कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि पर महिलाएं यह व्रत रखती हैं। ज्योतिष व कर्मकांड के जानकार पं. नत्थूलाल मिश्र के अनुसार यह व्रत संतान को बला एवं कष्टों से बचाता है और उनके जीवन को दीर्घायु बनाता है। यह है व्रत का विधान
पं. नत्थूलाल मिश्र के अनुसार आश्विन कृष्ण पक्ष अष्टमी के दिन स्नान आदि से निवृत हो भगवान सूर्यनारायण की प्रतिमा को स्नान करा कर गंध, पुष्प, अक्षत, धूप, दीप से उनकी पूजा की जाती है। बाजरे व चने से बना भोग अर्पित किया जाता है। इस दिन स्त्रियां उड़द के कुछ साबुत दाने निगल जाती हैं जिसका प्रयोजन भगवान श्री कृष्ण के सूक्ष्म रूप को उदर में प्रवेश से माना जाता है। इस दिन गेहूं तथा उड़द दान का विशेष महत्व है। इस दिन व्रती महिलाएं अपने पुत्रों के गले में काले अथवा लाल रंग का रक्षा सूत्र या धागा पहनाती हैं। व्रत के दूसरे दिन ब्रह्म बेला में दही चूड़े का भोग लगा उसका कुछ भाग पशु-पक्षियों के लिए निकाला जाता है और प्रसाद के रूप में महिलाएं ग्रहण करती हैं।
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