मिड-डे मील लाएं, चुनाव कराएं.. तो कब पढ़ाएं
Kannauj News - कन्नौज में शिक्षक अपने मुख्य कार्य शिक्षण से हटकर कई अन्य जिम्मेदारियों में उलझे हुए हैं। मिड-डे मील, सफाई, चुनावी कार्य और प्रशिक्षण में भागीदारी जैसी अतिरिक्त जिम्मेदारियों के कारण बच्चों की पढ़ाई...
कन्नौज। हमारा काम पढ़ाना है, बच्चों का भविष्य बनाना है लेकिन इससे इतर दूसरे काम लाद दिए जाते हैं। मिड-डे मील का राशन लेने जाओ, सफाईकर्मी न आए तो खुद सफाई कराओ। चुनाव और अन्य सरकारी कार्यों में मनमानी तरह से ड्यूटी लगा दी जाती है। बच्चों की पढ़ाई और कम छात्र संख्या को लेकर सवाल उनसे होते हैं लेकिन कोई देखने वाला नहीं कि पढ़ाने के अलावा कितने दीगर काम भी उनसे लिए जा रहे हैं। छात्र-छात्राओं के मार्गदर्शक के रूप में अहम भूमिका निभाने वाले शिक्षक शिक्षण कार्य से इतर कई कामों में उलझकर रह गए हैं। प्राथमिक शिक्षकों ने इस तरह की कई समस्याएं बयां कीं। उनका कहना है कि बीच सत्र में प्रशिक्षण होने से बीआरसी और डायट के चक्कर लगाने पड़ते हैं। एमडीएम के लिए राशन कम मिलने पर कोटेदार के यहां खुद जाना पड़ता है। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से चर्चा करते हुए बेसिक और कम्पोजिट विद्यालयों के शिक्षकों का दर्द छलक उठा। शिक्षक तेज प्रताप ने कहा कि हम लोग असमंजस में रहते हैं। हम मिड-डे मील लाएं कि चुनाव कराएं। अगर ये सब करेंगे तो पढ़ाएंगे कब । शिक्षकों का कहना है कि हमारा मूल कार्य शिक्षण का है पर हमसे कई और कार्य भी लिए जाते हैं। विद्यालय में बच्चों के नामांकन, यू डायस फीडिंग एवं शिक्षण कार्य के अतिरिक्त परिसर की साफ सफाई हो या एमडीएम की गुणवत्ता सबके लिए बेसिक शिक्षा की जिम्मेदार माना जाता है। जबकि प्रमुख रूप से शिक्षण कार्य एवं नामांकन और बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी शिक्षक की होती है। वहीं विद्यालय की साफ सफाई और एमडीएम बनवाने में प्रधान का पूरा दखल रहता है। बावजूद इसके किसी भी तरह की गड़बड़ी मिलने पर शिक्षक पर ही कार्रवाई की तलवार लटकती है। शिक्षकों ने बताया कि सुबह विद्यालय खोलने से लेकर परिसर की साफ सफाई एवं बच्चों को पढ़ाने के अलावा पल्स पोलियो अभियान, जनगणना एवं निर्वाचन कार्यों में भी बेसिक और परिषदीय शिक्षक पूरी ईमानदारी के साथ जिम्मेदारी का निर्वहन करते हैं। इन सब कामों के बावजूद बच्चों के नामांकन प्रक्रिया में यू डायस फीडिंग एवं अपार आईडी बनाना शिक्षकों के लिए सर दर्द बना हुआ है। ऑनलाइन फीडिंग में शिक्षकों का पूरा समय चला जाता है। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई सुचारु रूप से नहीं चल पाती है।
शिक्षक अमित दुबे ने बताया कि अचानक जरूरत पड़ने पर हाफ-डे सीएल नहीं मिलती। कोई अधिकारी पहुंच जाता है तो बिना सुने कार्रवाई हो जाती है। शिक्षकों ने बताया है कि कोटेदार स्कूलों में राशन नहीं पहुंचाते हैं। दबाव बनाकर शिक्षक को दुकान पर बुलाते हैं। वहां बिना तौले गेहूं, चावल पकड़ा देते हैं। 52 किलो की बोरी बताते हैं, जबकि उसमें राशन 43 से 44 किलो निकलता है। विभाग बच्चों की हाजिरी 70 फीसदी से अधिक सुनिश्चित करने का दबाव बनाता है पर कन्वर्जन कास्ट 55 फीसदी हाजिरी का औसत मानकर ही देता है। जिन विद्यालयों में कम बच्चे होते हैं उन्हें ज्यादा भुगतान होता है, जहां ज्यादा बच्चे उपस्थित होते हैं वहां नुकसान होता है।
शिकायतें
1. विभागीय कार्यक्रमों, प्रशिक्षण में शिक्षकों को बुलाया जाता है लेकिन यात्रा भत्ता नहीं मिलता। उन्हें अपनी जेब से पैसा खर्च करना पड़ता है।
2. जिले के 66 विद्यालयों के ऊपर या आसपास से गुजरी हाई टेंशन लाइन से खतरा रहता है।
3. अधिकतर स्कूलों में बेंच और डेस्क नहीं हैं। जमीन पर टाट पट्टी पर बच्चों को बैठाने में परेशानी होती है।
4. कई विद्यालयों में बारिश के मौसम में जल भराव के चलते पढ़ाई ठप हो जाती । और प्राथमिक विद्यालयों में नियमित सफाई की व्यवस्था न होना बड़ी समस्या है।
सुझाव
1. निरीक्षण में वेतन काटने, निलंबन के मामलों की समीक्षा की जाए।
2. हाईटेंशन लाइन विद्यालय परिसर से हटवाने के लिए बिजली विभाग को गंभीर होना चाहिए।
3. एमडीएम के कन्वर्जन कास्ट के रुपये ईजीआरएस पोर्टल पर फीड हाजिरी के आंकड़ों के आधार पर दिए जाएं ताकि जितने बच्चे एमडीएम खाएं उतने का भुगतान मिले।
4. जिन विद्यालयों में पानी भरा रहता है उनमें बोरिंग करवा कर जल निकासी की व्यवस्था की जाए। विद्यालय में सफाई कर्मी की तैनाती होनी चाहिए।
बोले शिक्षक
विद्यालयों में कायाकल्प कार्यों की जांच पूरी कराई जाए। जलभराव के लिए मिट्टी डलवाएं। मरम्मत जरूर कराएं।
- रामरतन
विद्यालय के ऊपर से हाई टेंशन लाइन गुजरी है। इस लाइन से बच्चों और स्टाफ को हर समय खतरा बना रहता है।
-हरगोविंद
विद्यालयों में सफाई व्यवस्था खराब है। प्रधान एवं सफाई कर्मी की मिली भगत से नियमित रूप से सफाई नहीं होती है।
- अमित मिश्रा
गैर शैक्षणिक कार्य शिक्षकों से न कराए जाएं। शिक्षकों से केवल विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने का काम कराएं।
-तेज प्रताप
एमडीएम के लिए राशन स्कूल तक पहुंचाने को कोटेदार को निर्देशित किया जाए। खाद्यान्न तौलकर देने के बाद भुगतान हो।
-विजय लक्ष्मी
बोले जिम्मेदार
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि विद्यालयों की नियमित साफ सफाई के लिए सफाई कर्मी की तैनाती को लेकर विभाग की ओर से डीएम को पत्र लिखा गया है। 66 विद्यालयों के ऊपर से हाई टेंशन लाइन गुजरी है। जिसको हटवाने के लिए अधिकारियों को जानकारी दे दी गई है। इसके अलावा जो समस्याएं हैं उसका समाधान कराएंगे।
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