जो उपलब्ध है उसी में संतोष करो: गोल्डी शास्त्री
Kannauj News - जो उपलब्ध है उसी में संतोष करो: गोल्डी शास्त्रीफोटो:39: श्रद्धालुओं को कथा का रसपान कराती भागवत कथा कहतीं गोल्डी शास्त्री।फोटो:40: पडाल में कथा का...
मिरगावां हिन्दुस्तान संवाद
खेरापति समिति की ओर से आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन कथावाचिका गोल्डी शास्त्री ने कहा कि मनुष्य के अंदर संतोष होना परम् आवश्यक है।जब तक आप मे संतोष नहीं है आप दुखी ही रहेंगे।मनुष्य की इच्छाएं कभी समाप्त नहीं हो सकती क्योंकि यह अनंत है।इच्छाएं कभी भी पूरी नही हो सकतीं।
विकास खंड जलालाबाद के गांव गढिया कछपुरा में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे शनिवार को गोल्डी शास्त्री ने कथा के दौरान कहा कि परमपिता परमेश्वर द्वारा तुम्हे जो दिया गया है उसी में खुश रहना चाहिए। अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए यदि तुम दूसरों को दुःख दोगे तो तुम्हे भी दुःख की ही प्राप्ति होगी।तुम दूसरों से ईर्ष्या करोगे तो तुमको भी ईर्ष्या की प्राप्ति होगी।तुम सुख दोगे तो तुम्हे भी सुख मिलेगा।तुम्हारे भाग्य के दुःख को तुम्हारे सम्बन्धी या अन्य कोई भी नहीं बांट सकता है।उन्होंने कहा कि भगवान को दिखावा पसन्द नहीं है।भगवान् तो भाव के भूंखे है।वह भक्ति भाव से ही प्रसन्न होते हैं।इस दौरान खेरापति कमेटी के सदस्यों सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
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