नवीन मंडी में भीषण जाम से हालात बदतर
छिबरामऊ कृषि उत्पादन मंडी में धान बेचने वाले किसानों और व्यापारियों के वाहनों के कारण भीषण जाम लग रहा है। एक ही लेन खुली है, जिससे ट्रैक्टर और ट्रक का आवागमन हो रहा है। मंडी के धर्म कांटे की खराब...
छिबरामऊ, संवाददाता। कृषि उत्पादन मंडी समिति में इस समय धान बेचने वाले किसानों के ट्रैक्टरों और व्यापारियों के माल लदे ट्रकों के कारण प्रतिदिन भीषण जाम लग रहा है। इसके कारण वाहन तो दूर पैदल निकलना तक दुश्वार हो गया है। मैनपुरी के बाद यहां धान की सबसे बड़ी मंडी होने के कारण अन्य जनपदों से आने वाले किसान भी अपना धान यहां बेच रहे हैं। मंडी के गेट के पास लगे धर्म कांटा की एक लेन कई माह से खराब पड़ी है। उससे होकर वाहनों का आवागमन बंद चल रहा है। केवल एक लेने खुली है। उसी से होकर ट्रैक्टर व ट्रक आदि आते जाते हैं। कई व्यापारियों ने मंडी गेट के पास भी धान की तौल शुरू कर दी है। इसके कारण भी जाम लग रहा है। गल्ला आलू व्यापारी संघ के अध्यक्ष पीयूष गुप्ता ने बताया यहां की मंडी से प्रतिदिन 100 से लेकर 150 गाड़ी तक धान की खरीद होती है, यहां के व्यापारी हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड आदि के व्यापारियों को धान बेच देते हैं। यहां के व्यापारियों की तौल तथा लेनदेन अच्छा होने के कारण यहां अन्य जनपदों के किसान भी धान बेचने आते हैं। उन्होंने कहा जाम के संबंध में एसडीएम व प्रभारी मंडी सचिव से शिकायत की गई, परंतु कोई ध्यान नहीं दिया गया। मंडी का धर्मकांटा खराब चल रहा है। महासचिव आसिफ शेख ने धान के रेट के संबंध में बताया कि 1509 किस्म की धान 2600 रुपये क्विंटल, ताज किस्म की धान 23 सौ रुपये, मोनिका किस्म की धान 2400 रुपये, 1721 किस्म की धान 3100 रुपये में खरीदा जा रहा है। व्यापारियों ने जाम के लिए मंडी में कराए गए अतिक्रमण को जिम्मेदार ठहराया है। दुकानदारों के लाइसेंस तो बड़ी तादाद में बना दिए गए, लेकिन उनके लिए मंडी प्रशासन ने दुकानों की व्यवस्था नहीं की। उधर प्रभारी मंडी सचिव श्रवण परमार का कहना है कि जाम के लिए मंडी के व्यापारी जिम्मेदार हैं। ट्रैक्टर अंदर न जा सकें, इसलिए आड़े-तिरछे वाहन खड़े करा देंते हैं। शीघ्र ही इस समस्या का समाधान कराया जाएगा।
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